म्यान्मार में विमान में सवार एक यात्री जमीन में दागी गई गोली से घायल हो गया है। बताया जा रहा है कि गोली विमान में छेद करती हुई पीड़ित युवक को लगी। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में पीड़ित को टिश्यू पेपर ले कर अपने खून को पोंछते देखा जा सकता है म्यान्मार की वर्तमान शासक सैन्य परिषद ने इस हमले को विरोधियों की हरकत बताते हुए युद्ध अपराध कहा है। घटना शुक्रवार (30 सितम्बर, 2022) की है।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक यह गोली म्यान्मार की नेशनल एयरलाइंस के एक विमान में मारी गई है। घटना कयाह प्रदेश की है। घटना के समय विमान लोइकाव एयरपोर्ट से लगभग 4 मील की दूरी पर 3500 फ़ीट ऊँचाई पर था। गोली विमान की तली को छेद कर काले रंग के कपड़े पहने यात्री के लग गई। यात्री के दाएँ गाल और गर्दन पर घाव हो गया जिसे लैंडिंग के बाद नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। घटना के समय फ्लाइट संख्या संख्या UB- 149 में 63 यात्री सवार थे।
Passenger flight shot by sniper in Loikaw,Myanmar. pic.twitter.com/RkiCNQuMXP
— Myo thiha (@myanmar78) September 30, 2022
पीड़ित युवक लोइकाव का स्थानीय निवासी है जो किसी और शहर में नौकरी करता है। वह अपने घर यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षा देने लौट रहा था। उसका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
म्यान्मार सरकार ने इस घटना के बाद लोइकाव के लिए तमाम उड़ानों को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया। देश की वर्तमान सैन्य सरकार ने इसे विद्रोहियों की करतूत करार दिया। म्यान्मार की सत्ता में मौजूद सैन्य परिषद के प्रवक्ता मेजर जनरल ज़ॉ मिन टुन के मुताबिक यात्री विमान पर इस तरह का हमला युद्ध अपराध है। उन्होंने लोगों से इस हमले के खिलाफ एकजुट होने और इसकी निंदा करने की अपील की।
म्यान्मार के सुरक्षा बलों ने हमले के आरोपितों की तलाश में अभियान छेड़ दिया है। गौरतलब है कि म्यान्मार की फ़ौज ने फरवरी 2021 में जनमत से चुनी सरकार को हटा कर देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। तब से पीपुल्स डिफेन्स फ़ोर्स के नाम से विरोधी संगठन सत्तारूढ़ सैन्य बल से संघर्ष कर रहे हैं। विद्रोही दल के नेता कहे जाने वाले करेनी नेशनल प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता खु डेनियल ने विमान पर हमले के आरोपों को गलत बताया है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने लड़ाकों को भी भी यात्री विमान को निशाना बनाने के आदेश नहीं दिए। इसी के साथ खु डेनियल ने म्यान्मार फ़ौज की आलोचना करते हुए कहा कि म्यान्मार की सत्तारूढ़ सेना अक्सर ऐसे झूठे आरोप लगाती रहती है।