जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ़ की पाकिस्तान के सियालकोट में ‘अज्ञात हमलावरों’ ने हत्या कर दी। वह भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक था और उसके विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका था। पठानकोट हमले में ‘डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प्स’ के 5 जवान, IAF के एक गार्ड और NSG के एक कमांडो बलिदान हो गए थे।
सियालकोट की एक मस्जिद के भीतर शाहिद लतीफ़ की हत्या बुधवार सुबह (11 अक्टूबर, 2023) को हो गई। शाहिद सियालकोट इलाके में आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का बड़ा कमांडर था। उसको ‘छोटा शाहिद भाई’ और नूरु अल दीन के नाम से जाना जाता था। एक और जानने वाली बात है कि 2010 में कॉन्ग्रेस सरकार ने ‘गुडविल गेस्चर’ दिखाते हुए उसे पाकिस्तान को प्रत्यर्पित कर दिया था।
लतीफ़ को एक बार वर्ष 1994 में भारत में भी UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था और वर्ष 2010 में सज़ा पूरी होने पर पाकिस्तान प्रत्यर्पित कर दिया गया था। वह पाकिस्तान जाकर दोबारा भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में भाग लेने लगा था। वर्ष 2020 में भारतीय गृह मंत्रालय द्वारा UAPA के अंतर्गत आतंकी घोषित किए जाने वालों की लिस्ट में उसका भी नाम था। लतीफ़ वर्ष 1999 में हुई इंडियन एयरलाइन्स के विमान की हाईजैकिंग में भी आरोपित था।
वर्ष 2016 में पंजाब की सीमा से सटे पठानकोट में स्थित भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण एयरबेस पर हमला हुआ था। एयरबेस के अंदर पाकिस्तानी आतंकी घुस आए थे और छुप कर हमला करने लगे थे। शाहिद लतीफ़ इस हमले का साजिशकर्ता था। उसने ही यह हमला करने वाले चारों आतंकियों को पठानकोट भेजा था।
1 जनवरी, 2016 को हुए पठानकोट एयरबेस पर हुए इस हमले में 7 सुरक्षाकर्मियों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। जवाबी कार्रवाई में 4 आतंकी मारे गए थे। भारतीय जाँच एजेंसियों ने इस आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों का हाथ बताया था।
पाकिस्तान में ‘अज्ञात हमलावरों’ द्वारा मारे जाने वाले आतंकियों की सूची में शाहिद सबसे नया नाम है। इससे कुछ ही दिन पहले कराची में लश्कर के एक आतंकी मुफ़्ती कैसर फारूक की भी अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में ही रहने वाले खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार की भी अप्रैल 2023 में इसी तरह हत्या हुई थी।