Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयजहाँ रहते थे पांडवों के पिता, वहाँ के मंदिरों को बना दिया गोदाम: पाकिस्तान...

जहाँ रहते थे पांडवों के पिता, वहाँ के मंदिरों को बना दिया गोदाम: पाकिस्तान में ‘पंज तीरथ’ का बुरा हाल, इस्लामी आक्रांताओं ने भी पहुँचाया था नुकसान

विरासत स्थल घोषित किए जाने के बाद भी पंज तीरथ की जमीन पर सरकार का कब्जा नहीं हो सका है। बिटर विंटर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यहाँ स्थित मनोरंजन पार्क मंदिरों को गोदामों की तरह इस्तेमाल कर रहा है।

पाकिस्तान में हिंदुओ और हिंदू तीर्थ स्थलों की दुर्गति किसी से छिपी हुई नहीं है। पाकिस्तान के पेशावर स्थित महाभारत कालीन तीर्थ स्थल पंज तीरथ के जमीनों पर कब्जा हो चुका है। तीर्थ स्थल के 2 मंदिरों को गोदाम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। पंज तीरथ की यह दुर्दशा तब है जब प्रांतीय सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है। तीर्थ स्थल की जमीन को लेकर स्थानीय पार्क और प्रांतीय सरकार के बीच विवाद भी चल रहा है। 10 दिन पहले ही पेशावर हाई कोर्ट ने मामले के निपटारे में अधिक समय लगने को लेकर नाराजगी भी जताई थी।

बिटर विंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1947 से पहले तक हिंदुओं के मशहूर और पवित्र तीर्थ स्थलों में शामिल पंज तीरथ अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इस्लामी आक्रांताओं के हमलों ने इस स्थल को बहुत नुकसान पहुँचाया। देश के विभाजन तक यहाँ 2 ही जीर्ण-शीर्ण मंदिर बच पाए थे। बाद में इस क्षेत्र को चाका यूनुस फैमिली पार्क चलाने वाली कंपनी को पट्टे पर बेच दिया गया। वर्ष 2019 में खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने पंज तीरथ को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित कर दिया।

विरासत स्थल घोषित किए जाने के बाद भी पंज तीरथ की जमीन पर सरकार का कब्जा नहीं हो सका है। बिटर विंटर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यहाँ स्थित मनोरंजन पार्क मंदिरों को गोदामों की तरह इस्तेमाल कर रहा है। पार्क का मालिकना हक रख रही कंपनी विरासत स्थल की एक कनाल (0.125 एकड़) और 11 मरला जमीन वापस देने को तैयार है। जबकि पुरातत्वविदों (Archaeologists) का कहना है कि पंज तीरथ के हिस्से लगभग पाँच कनाल (0.625 एकड़) जमीन आती है।

रिपोर्ट की मानें तो जब पुरातत्विद उस स्थल पर जाने की कोशिश कर रहे थे तो हथियारबंद लोगों ने उन्हें भगा दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद पेशावर उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी, 2023 को नाराजगी व्यक्त की थी। कोर्ट ने कहा था कि तीन साल से अधिक समय के बाद भी इस मुद्दे को हल नहीं किया गया है। कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की ओर इशारा किया।

पंज तीरथ का इतिहास

पंज तीरथ महाभारत कालीन तीर्थ स्थल है। यहाँ पांडवों के पिता पांडु रहने के लिए आया करते थे। यहाँ स्थित पाँच तालाबों का संबंध पाँडवों (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव) से है। यहाँ कई मंदिर और बगीचे हुआ करते थे। हिंदू कार्तिक के महीने में इस स्थान पर स्नान के लिए आया करते थे। स्नान के साथ-साथ कुछ लोग 2 दिनों तक यहाँ ठहर कर पूजा पाठ भी किया करते थे। पुरातत्वविदों का मानना है कि यह स्थल पर बौद्ध भी पूजा पाठ किया करते थे।

पंज तीरथ में बुद्ध के भिक्षापात्र के निशान भी मिले हैं। सन 1747 में अफगान दुर्रानी राजवंश के दौर में इस स्थल को नुकसान पहुँचाया गया। सन 1834 में सिख शासन के दौरान हिंदुओं ने इसे फिर से बनवाया और एक बार फिर से इस स्थान पर कार्तिक स्नान व पूजा शुरू हुई।

पुरातत्व निदेशालय ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार से पंज तीरथ से अतिक्रमण हटाए जाने और जरूरी संरक्षण कार्य करने की अनुमति माँगी है। पंज तीरथ के चारों ओर बाउंड्री वाल बनाने की भी गुजारिश की गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन पीछा कर पुलिस ने चोर अब्दुल और सादिक को पकड़ा, कोर्ट ने 15 दिन बाद दे दी जमानत: बाहर आने के बाद...

सादिक और अब्दुल्ला बचपने के साथी थी और एक साथ कई घरों में चोरियों की घटना को अंजाम दे चुके थे। दोनों को मिला कर लगभग 1 दर्जन केस दर्ज हैं।

बाल उखाड़े, चाकू घोंपा, कपड़े फाड़ सड़क पर घुमाया: बंगाल में मुस्लिम भीड़ ने TMC की महिला कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पीड़िता ने...

बंगाल में टीएमसी महिला वर्कर की हथियारबंद मुस्लिम भीड़ ने घर में घुस कर पिटाई की। इस दौरान उनकी दुकान लूटी गई और मकान में भी तोड़फोड़ हुई।
- विज्ञापन -