क्रिकेटर से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने इमरान खान और पाकिस्तान के सेना के बीच की तल्खी सामने आ गई है। इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना पर तंज कसते हुए शुक्रवार (11 मार्च) को कहा कि जानवर सिर्फ तटस्थ हो सकता है, इंसान नहीं। एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अल्लाह ने हमें तटस्थ रहने की इजाजत नहीं दी है, क्योंकि केवल जानवर तटस्थ रह सकता है।” उन्होंने कहा कि जानवर के पास बुद्धि नहीं होती है, इसलिए वह ऐसा करता है।
वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल का कहना है, “पाकिस्तान सेना और इमरान खान नियाजी के बीच खुला युद्ध छिड़ गया। नियाजी पाकिस्तानी सेना की तुलना ‘जानवर’ से कर रहे हैं। कहते हैं, जानवर तटस्थ हो सकता है, इंसान नहीं। जानवर अच्छे या बुरे में फर्क नहीं कर पाते। पाक सेना ने कहा था कि वे तटस्थ हैं।”
#BREAKING: Open war breaks out between Pakistan Army & Imran Khan Niazi. Niazi compares Pakistan Army with “Janwar” (animal). Says, an animal can be neutral, not human being. Animals can’t distinguish between good or bad. Pak Army had said they are neutral.pic.twitter.com/q1N9FbJb0A
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 11, 2022
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फाजी (JUIF) सहित विपक्षी दलों के निशाने पर आए इमरान खान ने कहा को लेकर पाकिस्तान की सेना ने 10 मार्च को कहा था कि वह राजनीति में तटस्थ में है और इससे उसे कोई लेना-देना नहीं है। महानिदेशक इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा था, “मैंने पहले भी कहा है कि सेना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले पर अनावश्यक अटकलों से बचना हम सभी के लिए बेहतर है।”
इमरान खान के इस बयान को लेकर पाकिस्तान की पत्रकार महरीन जाहरा मलिक ने कहा, “हाल के दिनों में कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना, जिसके बारे में माना जाता है कि उसने पीएम इमरान खान के सत्ता में आने का समर्थन किया था, ‘तटस्थ’ हो गई है। आज रैली में इमरान खान कहते हैं कि जानवर तटस्थ होते हैं, इंसान ‘अच्छे’ के साथ खड़े हैं।”
In recent days, it has been said that the #Pakistan military, believed to have backed PM Imran Khan’s rise to power, has become “neutral”. At rally today, Imran Khan says animals are neutral, humans stand by “good.”
— Mehreen Zahra-Malik (@mehreenzahra) March 11, 2022
द न्यूज के अनुसार, इमरान खान ने अपने भाषण में यह भी कहा कि सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने उन्हें कहा कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फाजी (JUIF) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान को ‘डीजल’ ना कहें। इमरान ने कहा कि मौलाना को डीजल नाम उन्होंने नहीं, बल्कि लोगों ने दिया है।
बता दें कि इमरान खान ने 23 जनवरी 2022 को विपक्षी दलों को खुली धमकी दी थी। इमरान खान ने कहा था कि अगर उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाएँगे। उन्होंने कहा था, “अगर मैं सड़कों पर आ गया तो आप (विपक्ष) सबको छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी।”
इसके पहले जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराज-उल-हक ने 16 जनवरी 2022 को इमरान खान को अंतरराष्ट्रीय भिखारी था। हक ने दावा किया था कि पाकिस्तान की सभी आर्थिक समस्याओं का एक ही हल है कि पीएम इमरान खान की विदाई कर दी जाए।
हक ने कहा था, “इमरान खान और पाकिस्तान एक साथ काम नहीं कर सकते। इस मुल्क में राजनीति में प्लस माइनस के लिए जगह नहीं है। सिर्फ इमरान खान की विदाई ही इसका एक मात्र उपाय है।” अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ पाकिस्तान के विवादास्पद सौदे पर उन्होंने इमरान खान के लिए कहा कि वो अब अंतरराष्ट्रीय भिखारी बन गए हैं।