खालिस्तानी आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश रचने को लेकर अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाए हैं। इस पर पहली पीएम मोदी ने कहा, “कोई हमें इससे संबंधित सूचना देता है तो हम उस पर जरूर गौर करेंगे। अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी सही या गलत किया है तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। हम कानून को लेकर प्रति प्रतिबद्ध हैं।”
यूके के ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ के साथ एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आपसी रिश्ते कुछ घटनाओं की वजह से पटरी से नहीं उतरेंगे। इस बयान से पीएम मोदी ने साफ इशारा किया कि पन्नू वाले मामले से दोनों देशों के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
इस दौरान पीएम मोदी विदेशों में आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को लेकर भी खासे फ्रिकमंद नजर आए। उन्होंने कहा, “ये लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं।” उन्होंने जोर देते हुए ये भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की अहम कड़ी सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा, “मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़ना सही है।” उन्होंने आगे कहा, “इस रिश्ते के लिए दोनों तरफ से मजबूत समर्थन है, जो एक परिपक्व और स्थिर साझेदारी का साफ संकेत देता है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमें इस बात को स्वीकार करने की जरूरत है कि हम बहुपक्षवाद के युग में रह रहे हैं। दुनिया एक दूसरे से जुड़ी हुई और एक दूसरे पर निर्भर है। यह वास्तविकता हमें यह मानने के लिए मजबूर करती है कि सभी मामलों पर सहयोग करने के लिए पूरी सहमति पहले से ही रखी शर्त नहीं हो सकती है।”
बीते महीने इसी अखबार ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ ने अनाम अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी थी कि उन्होंने अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया। अखबार ने यह भी बताया कि अमेरिकी सरकार ने इस पर भारत को चेतावनी जारी की थी।
दरअसल, अमेरिकी न्याय विभाग ने 52 साल के भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी आतंकी पन्नू की कथित हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि गुप्ता न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले पन्नू की हत्या करने के लिए एक हत्यारे को 1,00,000 डॉलर देने पर राजी हुए थे।
निखिल गुप्ता चेक गणराज्य में रहता है। अमेरिका के कहने पर चेक अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार करके अमेरिका के हवाले कर दिया। दरअसल, अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि है। वहीं, निखिल गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से माँग की है कि वो भारत सरकार से इस मामले में दखल देने के लिए कहें।
निखिल गुप्ता का कहना है कि उन्हें बगैर किसी लीगल वॉरंट के गलत तरीके से प्राग में गिरफ्तार किया गया था। वहाँ उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ बीफ और पोर्क तक खाने को मजबूर किया जा रहा है। अमेरिका के कहने पर चेक गणराज्य के अधिकारियों ने राजधानी प्राग से निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को गिरफ्तार किया था।
जिस पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने इतना बवाल खड़ा किया है, वह भारत में घोषित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू है। वो प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन का सरगना है और भारत के खिलाफ आग उगलता रहता है। उसके पास संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की दोनों देशों की नागरिकता है।
इस केस को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने 30 नवंबर 2023 को बयान जारी किया। ब्लिंकन ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव से दिए गए इस बयान में कहा था, “ये कानूनी मसला है और वो इस पर खुलकर सब कुछ नहीं बता सकते, लेकिन वो इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हैं।”
भारत ने अमेरिका की ओर से पन्नू का मामला उठाने के बाद जाँच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने इसको लेकर कहा था, “कनाडा और अमेरिका के मामले अलग-अलग हैं। अमेरिका ने हमें सुबूत मुहैया कराए हैं। भारत एक ऐसा देश है, जहाँ हम बहुत जिम्मेदार हैं। हम जो करते हैं उसमें विवेक रखते हैं।”
दरअसल कनाडा ने 18 जून 2023 को सरे में हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हुई हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। वहीं नवंबर में कनाडा की वाणिज्य मंत्री मेरी एनजी ने कहा था कि जब तक भारत की मोदी सरकार निज्जर की हत्या मामले की जाँच में सहयोग नहीं करेगी, तब तक कारोबारी बातचीत आगे नहीं बढ़ेगी। विदेश मंत्री जयशंकर कई बार कनाडा से इस मामले को लेकर सबूत देने के लिए कह चुके हैं।