अमेरिकी दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (21 जून 2023) की रात व्हाइट हाउस पहुँचे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन और उनकी पत्नी जिल ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री प्राइवेट डिनर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर गए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने बायडेन दंपती को कई उपहार दिए। इनमें भगवान गणेश की मूर्ति से लेकर ग्रीन डायमंड तक शामिल हैं। एक खास बाॅक्स सौंपा जिसमें 10 दान राशि थे।
प्रधानमंत्री ने फर्स्ट लेडी जिल बायडेन को 7.5 कैरेट का इको फ्रेंडली ‘ग्रीन डायमंड’ गिफ्ट किया। वहीं राष्ट्रपति बायडेन को ’10 प्रिंसिपल्स ऑफ उपनिषद’ नामक किताब दी। जयपुर के कारीगरों द्वारा मैसूर के चंदन से तैयार किया गया एक विशेष गिफ्ट बाॅक्स दिया। इसमें भगवान गणेश की मूर्ति और एक दीये के अलावा छोटी-छोटी डिब्बियों में 10 उपहार थे। ये उपहार देश के अलग-अलग राज्यों में तैयार किए गए हैं और भारत की विविधता को प्रदर्शित करते हैं।
I thank @POTUS @JoeBiden and @FLOTUS @DrBiden for hosting me at the White House today. We had a great conversation on several subjects. pic.twitter.com/AUahgV6ebM
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2023
नक्काशीदार गिफ्ट बाॅक्स में जो उपहार थे वे 10 दान राशि हैं। गोदान के प्रतीक स्वरूप चाँदी का हस्तनिर्मित नारियल दिया गया। इसे पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने तैयार किया है। भूदान के लिए चंदन की लकड़ी का एक टुकड़ा दिया गया जो कर्नाटक के मैसूर का है। तिलदान के लिए तमिलनाडु के सफेद तिल थे। हिरण्यदान यानी स्वर्ण दान के लिए बॉक्स में राजस्थान में बना 24 कैरेट शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का रखा हुआ था।
The box contains the idol of Ganesha, a Hindu deity considered as the destroyer of obstacles and the one who is worshipped first among all gods. The idol has been handcrafted by a family of fifth-generation silversmiths from Kolkata.
— ANI (@ANI) June 22, 2023
The box also contains A diya (oil lamp) that… pic.twitter.com/23eV5ZsWfC
राजस्थान के कारीगरों द्वारा निर्मित 99.5% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चाँदी का सिक्का रौप्यदान यानी चाँदी दान के तौर पर दिया गया। लावण्य यानी नमक का दान के तौर पर गुजरात का नमक बाॅक्स में रखा था। पंजाब में तैयार किया गया घी अज्यदान का प्रतीक बना। वहीं गुड़दान के लिए महाराष्ट्र का गुड़ प्रयोग किया गया। उत्तराखंड का लंबे दाने वाला चावल धान्यदान के तौर पर दिया गया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में निर्मित ताम्र पत्र भी उपहार में शामिल हैं।