प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की राजधानी मॉस्को पहुँच गए हैं। वहाँ ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देकर उन्हें सम्मानित किया गया। उन्होंने वहाँ भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भविष्य के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीति साझेदारी को और गहरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय दौरे पर रूस पहुँचे हैं। रूस के फर्स्ट उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने उनका स्वागत किया। रूस ने चीन का के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्वागत के लिए अपने डिप्टी प्राइम मिनिस्टर को भेजा था।
ऐसे में उसने पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए उनसे वरिष्ठ पद पर बैठे राजनेता को भेजा है, जो दिखाता है कि रूस अपन संबंधों में भारत को चीन से अधिक प्राथमिकता देता है। मंटुरोव ने न सिर्फ पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया, बल्कि उनके साथ एक ही कार में बैठ कर होटल तक भी उन्हें छोड़ने गए। शीत युद्ध के समय से ही भारत-रूस के संबंध अच्छे हैं, साथ ही रूस भारत को सबसे अधिक हथियार सप्लाई करने वाले देशों में भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक समिट के लिए वहाँ पहुँचे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनके लिए एक निजी रात्रिभोज का भी आयोजन करेंगे। पीएम मोदी रस्तोम पवेलियन में एक्सहिबिशन को देखने भी जाएँगे। साथ ही वो ‘टॉम्ब ऑफ द अननॉन सोल्जर्स’ पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस दौरान मॉस्को के लोकप्रिय ओस्टैंकिनो टॉवर को तिरंगे झंडे के रंग में रंगे हुए देखा गया। ये 540 मीटर ऊँचा है। रूस के प्रसार विभाग का ये सबसे महत्वपूर्ण स्थल है।
❗️Indian Tricolour Lights Up Moscow's Ostankino Tower – The Tallest Free-Standing Structure In Europe – In Tribute To PM Modi's State Visit#ModiInRussia pic.twitter.com/FRx5YTXf6w
— RT_India (@RT_India_news) July 8, 2024
ये पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की पिछले एक दशक में 17वीं बैठक होगी। भारत ने इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अपना ये स्टैंड कायम रखा है कि केवल सैन्य माध्यमों से समाधान नहीं निकाला जा सकता। बकौल भारत, ‘ग्लोबल साउथ’ का भी मानना है कि कूटनीति व बातचीत से ही समस्या का समाधान निकलेगा, युद्धक्षेत्र में नहीं। रूस में भारतीय मूल के विधायक अभय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के इस दौरे का प्रभाव वैश्विक होगा।