प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से बात की है। यूक्रेन की ताज़ा परिस्थिति और वहाँ चल रहे युद्ध को लेकर वहाँ के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को जानकारियाँ दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बातचीत के दौरान मौजूदा संघर्ष में जानमाल की क्षति को लेकर अपनी गहरी वेदना व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने हिंसा को त्वरित रूप से ख़त्म किए जाने की बात करते हुए बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की सलाह दी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत शांति की दिशा में प्रयास के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार है और ऐसी इच्छा रखता है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सलामती को लेकर भी गहरी चिंता व्यक्त की। इनमें अधिकतर वो छात्र हैं, जो भारत से वहाँ पढ़ाई करने के लिए गए हैं। उन्होंने वहाँ फँसे भारतीयों को शीघ्रता से बाहर निकालने के लिए वहाँ के प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की। उधर इस मामले में भारत के स्टैंड को लेकर रूस का भी बयान आया है। ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)’ में शुक्रवार (25 फरवरी, 2022) को इस मामले पर वोटिंग हुई थी।
PM also conveyed India’s deep concern for the safety and security of Indian citizens, including students, present in Ukraine. He sought facilitation by Ukrainian authorities to expeditiously and safely evacuate Indian citizens: PMO
— ANI (@ANI) February 26, 2022
भारत ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। रूस ने भारत के इस रुख को ‘स्वतंत्र और संतुलित’ करार देते हुए कहा है कि विशेष और विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी की भावना को बनाए रखने की दिशा में रूस भारत के साथ यूक्रेन संघर्ष को लेकर करीबी बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखने का पक्षधर है। हालाँकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने यूएन में भारत के सहयोग का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि 1 लाख से अधिक आक्रांता उनके देश में घुस गए हैं और कपटपूर्ण तरीके से आवासीय इमारतों पर गोलीबारी कर रहे हैं।
Highly appreciate India’s independent and balanced position at the voting in the UNSC on Feb 25. In the spirit of the special and privileged strategic partnership, Russia is committed to maintain close dialogue with India on the situation around Ukraine: Russian Embassy in India
— ANI (@ANI) February 26, 2022
हाल ही में रूस ने UNSC के उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसमें यूक्रेन में उसके सैन्य अभियान की निंदा की गई थी। इस प्रस्ताव में रूसी फौजों को यूक्रेन से तत्काल निकलने की माँग भी शामिल थी। यह प्रस्ताव अमेरिका द्वारा लाया गया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 11 सदस्यों ने वोट दिया। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात हालाँकि अनुपस्थित रहे थे। अमेरिका के साथ अल्बानिया ने भी इस प्रस्ताव को साझे तौर पर पारित करवाने का प्रयास किया था।