Thursday, November 14, 2024
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इमरान खान के मंत्री ने ‘किसान’ आंदोलन का किया समर्थन, POk के एक्टिविस्ट ने कहा- पहले पाकिस्तान सँभाल ले

“यह नाटक किसी और को दिखाइए। मेरा चौधरी साहब ने निवेदन है कि पहले वह अपने गिरेबान में झाँक कर देख लें जहाँ एक बड़ा सरकार विरोधी आंदोलन होने वाला है।”

हाल ही में पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री फ़वाद चौधरी ने भारत में हो रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया था। इस पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) कार्यकर्ता डॉ अमजद अयूब मिर्ज़ा की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने पाकिस्तानी मंत्री को नसीहत देते हुए बुधवार (9 दिसंबर 2020) को कहा कि उन्हें इसके बदले पाकिस्तान पर ध्यान देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को लाहौर में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) द्वारा सरकार विरोधी रैली का आयोजन किया जाएगा। 

पीओके कार्यकर्ता ने पाकिस्तान सरकार पर आरोप भी लगाया कि वह किसान आंदोलन को भारत के खिलाफ़ इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं। अमजद अयूब मिर्ज़ा ने अपने बयान में कहा, “यह नाटक किसी और को दिखाइए। मेरा चौधरी साहब ने निवेदन है कि पहले वह अपने गिरेबान में झाँक कर देख लें जहाँ एक बड़ा सरकार विरोधी आंदोलन होने वाला है।” बता दें फवाद चौधरी ने बीते सोमवार को किए गए अपने ट्वीट में भारत सरकार को बिना बिना दिल का (Heartless) कहा था। 

इसके अलावा पाकिस्तानी मंत्री ने यह भी कहा था कि उनका दिल सरहद पार आंदोलन कर रहे पंजाबी किसान भाईयों में लगा हुआ है। इस ट्वीट की आलोचना करते हुए पीओके कार्यकर्ता ने कहा था इस्लामाबाद के पास सरकार विरोधी आंदोलन को रोकने की कोई योजना नहीं है।

अमजद अयूब मिर्ज़ा ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना करते हुए कहा था, “तुम्हारी (इमरान खान) सरकार खुद काँप रही है और अंदाज़ा नहीं है कि आगे क्या करना है। पाकिस्तान सरकार के लिए स्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि छुपना कहाँ है।” 

पीओके कार्यकर्ता ने पाकिस्तानी मंत्री के पुलवामा हमले को इमरान खान सरकार की उपलब्धि बताने वाले बयान का भी उल्लेख किया। इस बयान पर पाकिस्तानी मंत्री की आलोचना करते हुए अमजद अयूब मिर्ज़ा ने कहा, “यह वही व्यक्ति है जिसने नेशनल असेंबली में खड़े होकर स्वीकार किया था कि हमने (पाकिस्तान) वह हमला (पुलवामा) करवाया था। पाकिस्तान के लोगों को इस बात के लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार पर गर्व करना चाहिए। इस मामले में दखल देकर यह लोग (पाकिस्तानी सरकार) भारत को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं। सभी देख सकते हैं कि अमेरिका से लेकर लंदन तक हर जगह खालिस्तानी समर्थकों के झंडे नज़र आ रहे हैं।”

अंत में पीओके कार्यकर्ता ने वहाँ की पीड़ित आबादी का उल्लेख करते हुए पाकिस्तानी मंत्री से सवाल किया कि वह पीओके के लोगों के लिए भी यही भावना रखते हैं। उन्होंने कहा, “क्या आप लोगों को गिलगिट बाल्टिस्तान के लोगों का दर्द महसूस नहीं होता है? यहाँ के शहरों में पानी तक नहीं है, क्या आप उन 100 सरकारी कर्मचारियों का दर्द महसूस करते हैं जिन्हें आपने अपनी सरकार बनने के बाद नौकरी से निकाला।”       

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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