अमेरिका की यूनिवर्सिटियों में फिलीस्तीन के समर्थन में बढ़ रही प्रदर्शनबाजी पिछले दिनों आजादी के नारों तक पहुँच गई थी। वो वैसे ही आजादी के नारे थे जो जब कश्मीर में लगाए गए थे तो हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई थी और दिल्ली में लगाए गए थे तो दंगे हुए थे।
अमेरिका में भी इन नारों के लगने के बीच खबर आई कि वहाँ सुरक्षाकर्मियों पर हमला हुआ है और कैंपस का जबरन माहौल बिगाड़ा जा रहा है। इन घटनाओं के बाद खबर है कि अब अमेरिकी प्रशासन सख्त हो गया है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों पर किए जा रहे हमले के बाद यूएस की अलग-अलग में यूनिवर्सिटियों से लोग हिरासत में लिए हैं।
I stand resolutely with the brave students of #ColumbiaUniversity who are demanding that their institution divests from entities supporting Israel's terrorism in #Gaza – actions that have been identified as genocide by the International Court of Justice. These students have… pic.twitter.com/y7HJDjDvAO
— Senator Allama Raja Nasir (@AllamaRajaNasir) April 23, 2024
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में सोमवार को 133 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हुए थे जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया, लेकिन उनके ऊपर ये कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि पिछले दिनों यूनिवर्सिटी में NYPD (न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट) अधिकारियों पर हमला हुआ था। उन पर कुर्सी और बोतल फेंके गए थे। हमलों में कई अधिकारियों को चोटें आई थीं।
इसके बाद येल यूनिवर्सिटी में 60 लोग गिरफ्तार हुए जिनमें से 47 तो छात्र ही थे। आरोप था कि इनसे बहुत समय से कैंपस प्लाजा को खाली करने को कहा जा रहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। उलटा इन्होंने कैंपस में कैंप लगा लिए थे। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से अधिकारियों को सारे कैंप तितर-बितर करके गिरफ्तारी की कार्रवाई करनी पड़ी।
कैलीफोर्निया स्टेट पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में भी ऐसे प्रदर्शनों के कारण कैंपस बंद करना पड़ा और तीन गिरफ्तारियाँ हुईं। वहीं मिशिगन यूनिवर्सिटी में भी घेराव हटाने के दौरान 9 लोगों को पकड़ा गया था जिसके विरोध में सैंकड़ों लोग इकट्ठा हो गए थे।
बता दें कि अमेरिका की यूनिवर्सिटियों में जैसे जैसे फिलीस्तीन के लिए प्रदर्शन की गति बढ़ रही है उसे देखते हुए ही ये कार्रवाइयाँ हुई हैं। इनके कारण पूरे कैंपस पर प्रभाव पड़ रहा है। जो छात्र पढ़ना चाहते हैं वो पढ़ नहीं पा रहे। शिक्षकों को पर्सनल क्लासें रद्द करनी पड़ रही हैं। सेमेस्टर का अंतिम समय है लेकिन परीक्षा की बजाय ऑनलाइन क्लासेज पर शिफ्ट होना पड़ रहा है। कोलंबिया में अभिभावक कॉलेज प्रशासन की हालत देखते हुए अपनी जमा कराई फीसें वापस माँगने लगे हैं। जो प्रदर्शन नहीं कर रहे, वो छात्र अपनी सुरक्षा पर चिंता जताने लगे हैं।
Columbia canceled in-person classes, dozens of protesters were arrested at New York University and Yale, and the gates to Harvard Yard were closed to the public as pro-Palestinian demonstrations gain traction at U.S. universities. pic.twitter.com/0VtYyAT8ko
— The Associated Press (@AP) April 23, 2024
ऐसे हालात देखते हुए कोलंबिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मिनोचे शफीक ने मंगलवार शाम (स्थानीय समय) घोषणा की कि विरोध प्रदर्शन के आयोजकों को परिसर में फिलिस्तीन समर्थक विरोध शिविर को खत्म करने के लिए आधी रात तक समझौता कर लेने का समय दिया गया है। इस प्रदर्शन के कारण केवल और केवल तनाव बढ़ा है। छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी सुनवाई नहीं होती तो वो वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करेंगे।