सऊदी अरब का सोशल मीडिया तीन प्राचीन अरबी देवियों की आराधना को बढ़ावा देने को लेकर बँट गया है। यह तीनों देवियाँ सऊदी अरब और आसपास के अरबी जगत में प्राचीन काल में पूजी जाती थीं। यह पूरा मामला सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की राष्ट्रवाद और विरासत को बढ़ावा देने की विचारधारा से मेल खाता है।
इसी को लेकर एक्स (पहले ट्विटर) पर एक यूजर ने इन तीन में से एक देवी अल-उज्ज़ा की एक तस्वीर डाली है। इस तस्वीर में सऊदी अरब के म्यूजियम में अल उज्जा की मूर्ति को घेर कर कुछ लोग खड़े हैं। यूजर का कहना है कि सऊदी अरब के लोग अपने इतिहास से गहरे तौर पर जुड़े हैं चाहे वो मुस्लिम हों या नहीं लेकिन यह अरब का इतिहास है। इस यूजर ने सऊदी सरकार की तारीफ़ भी की। उसने लिखा कि सरकार प्राचीन सऊदी देवताओं का संरक्षण कर रही।
from past to future al uzza is always there ✨❤️
— جـضّـة 🇸🇦 (@msss4_) November 24, 2023
we’re as Saudi Arabians, deeply connected with our past.
doesn’t matter if we’re Muslims or not
It’s an arabic history.
Saudi government gives so much importance for the ancient Arabian gods🫶🏻
our past is a part of our future 🇸🇦💞 https://t.co/XkfND27kH1 pic.twitter.com/VUruKh7Kjl
اللات ومناة والعزى تاريخنا العريق
— جـضّـة 🇸🇦 (@msss4_) November 24, 2023
العرب منذ القدم قدسوا الكيان الأنثوي، المفروض نفتخر بتاريخنا ونلغي الصورة النمطية والمحرفة عن وأد البنات
النساء كُنَّ الكيان المثالي المتكامل عند العرب، نصبوهم ثالوث انثوي يقدمون البنات قربان لهم. ماكان وأد البنات بسبب العار كما يتداول البعض https://t.co/ztp5sppvzG pic.twitter.com/q2PtzwHZPt
इसी ट्वीट के बाद शुरू हुई बहस में कुछ यूजर्स ने बताया कि प्राचीन समय में पूरे अरब जगत में तीन देवियों की मान्यता थी। इनके नाम ‘अल्लत (Allat)’, ‘मनत (Manat)’ और ‘अल-उज्जा (Al-Uzza)’ थे। इसे सोशल मीडिया पर लोगों ने अरब जगत में महिला सशक्तीकरण के प्रतीक के तौर पर भी बताया। यह भी बताया गया कि इन देवियों के सम्मान में छोटी बच्चियों को दफनाया जाता था। तब अरबी समाज के लिए यह कोई शर्म की बात नहीं थी।
सऊदी अरब के कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने सहवा (पुनर्जागरण) पर सऊदी के इस्लाम से पहले के इतिहास को तवज्जो ना देने और तीन देवियों की महत्ता को धुँधला करने का आरोप लगाया। सहवा, 1960 के बाद सऊदी अरब में आई इस्लामी राजनीतिक विचारधारा है। इसमें सऊदी समेत मिस्र जैसे अरब देशों के कई मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल थे।
الصحوة خلت المجتمع يقدس العادات اكثر من الدين ، صح الحين صارت تختفي لكنها اختفت من الناس المتفتحه بالأساس لكن المجتمع الاساسي اللي متغذي فيها لازلنا في صراعات معهم (علشان نعيش)💔
— FGR🇸🇦. (@ifajr27) November 18, 2023
सोशल मीडिया पर एक यूजर का कहना था कि सहवा ने सऊदी अरब का इतिहास लोगों के दिमाग से भुला दिया। इसने इतिहास, संस्कृति और विरासत से संबंधित बातों को भी तोड़ा-मरोड़ा। यूजर का कहना है कि अगर कुछ साल पहले तक आप इन देवियों की बात करते तो यह मूर्ति-पूजा और बहुदेववाद को बढ़ावा देना करार दिया जाता।
عطني مثال على عادات مقدسة اكثر من الدين
— Mr. Crown (@Crown945) November 19, 2023
सऊदी अरब के सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि मुस्लिम ब्रदरहुड और अन्य इस्लामी बुद्धिजीवियों ने सहवा के दौरान सऊदी लोगों की शिक्षा व्यवस्था को बदल दिया। बाहरी लोगों को शरण देना सऊदी की एक बड़ी भूल थी।
نتيجة مباشرة لسيطرة الإخونج والصحونج على التعليم والإعلام. أكبر غلط في تاريخ السعودية في رأيي هو السماح للإخونج السوارية والمصارية بالدخول للسعودية والإقامة فيها بعد أن دعست عليهم حكوماتهم في عهد الملك فيصل. كانوا مسيطرين على مدارسنا سيطرة كاملة لأكثر من ٤٠ سنة صار فيها غسيل مخ…
— Khanjar خنجر 🇸🇦 (@Khanjar111) November 18, 2023
तीन देवियों के ऊपर छिड़ी इस बहस को कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने सऊदी अरब में मूर्ति पूजा को जिन्दा करने की कोशिश बताया। वर्तमान समय में सऊदी अरब में मूर्ति पूजा नहीं होती क्योंकि यह एक इस्लामिक देश है और इस्लाम में मूर्ति (बुत) की पूजा की मनाही है।
कुछ कट्टरपंथी यूजर्स का कहना है कि सऊदी सरकार राष्ट्रवाद को बढ़ावा देकर इस्लामिक पहचान को दबा रही है। कुछ यूजर्स ने इसके लिए ‘हिंदुत्व’ और यहूदियों को दोषी ठहरा दिया। उनका कहना था कि यह हिंदुत्व और यहूदियों की साजिश है कि अरब जगत को सेक्यूलर और उदार बनाया जाए।
If you open her X account you will find in the bio the number “8200”. I don't want to overthink very much about this number, but this is for sure a Zionist account disguised as a Saudi citizen.
— أسامة 🇵🇸 (@na6elsi) November 30, 2023
गौरतलब है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बीते कुछ वर्षों से सहवा पर बंदिशें लगा रहे हैं और कट्टरपंथियों को हाशिये पर धकेल रहे हैं। उनके सत्ता का नियन्त्रण लेने के बाद सऊदी के समाज में तेजी से बदलाव देखने को मिले हैं।