पाकिस्तान आर्मी के चीफ कमर जावेद बाजवा को आने वाले वक़्त में नई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उनके खिलाफ पेशावर की उच्च अदालत में एक याचिका दायर की गई है। दरअसल अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि बाजवा मुस्लिम ही नहीं हैं। वह कादियानी समुदाय से सम्बन्ध रखते हैं जोकि इस्लाम का हिस्सा नहीं हैं। बता दें कि पाकिस्तान में उसके अपने संविधान के अनुसार किसी भी गैर-मुस्लिम को पाक सेना अध्यक्ष का पद ग्रहण करने की इजाज़त नहीं है।
पाक आर्मी चीफ के खिलाफ यह याचिका पाक आर्मी के पूर्व मेजर खालिद शाह ने पेशावर की अदालत में याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि बाजवा जिस अहमदिया समुदाय से आते हैं वह इस्लाम का हिस्सा ही नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में इस पद पर बाजवा की नियुक्ति असंवैधानिक है।
Dear @peaceforchange, Major. Khalid Shah has filed a petition in the Peshawar High Court of Pakistan challenging the extension given to your Army Chief General Bajwa saying he isn’t a Muslim as per Pakistani law but a Qadiani. Are you getting a taste of your medicine? pic.twitter.com/vpDqjBq4v5
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 19, 2019
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में मुसलामानों के अधिकतर धर्मगुरु अहमदिया समुदाय को इस्लाम का हिस्सा तक नहीं मानते। इसी सम्बन्ध में मामले को लेकर पेशावर की उच्च-अदालत में खालिद शाह ने याचिका दायर कर बाजवा के सेनाध्यक्ष पद पर बने रहे को लेकर सवाल उठाए हैं। अपनी दलील में खालिद ने कहा है कि वह (बाजवा) कादियानी हैं, वह पाक आर्मी के चीफ कैसे बन सकते हैं। पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक यह पद किसी भी गैर-मुस्लिम को नहीं दिया जाना चाहिए।
‘कादियानी’ दरअसल अहमदिया समुदाय के लोगों को ही कहा जाता है। इस मामले में बाजवा के अलावा आईएसआई के डीजी रिजवान अख्तर का भी नाम सामने आया है। इस सम्बन्ध में दायर याचिका में रिजवान पर यह आरोप है कि एक मुस्लिम के तौर पर रिजवान ने अपने कर्त्तव्य का पालन नहीं किया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्होंने सरकार से इस बारे में जानकारी छुपाई।
इस मामले को लेकर पेशावर के हाईकोर्ट में दायर दलील में खालिद ने बाजवा के अलावा आईएसआई के डीजी रिजवान अख्तर का भी नाम है। इस सम्बन्ध में दायर याचिका में रिजवान पर यह आरोप है कि एक मुस्लिम के तौर पर रिजवान ने अपने कर्त्तव्य का पालन नहीं किया। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्होंने सरकार से इस बारे में जानकारी छुपाई कि बाजवा मुस्लिम नहीं हैं।
बता दें कि 58 वर्षीय बाजवा को नवम्बर 2016 में पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज़ शरीफ ने इस पद पर नियुक्त किया था। इसके बाद इमरान खान की सरकार ने भी बाजवा को इस पद पर रहने के लिए तीन साल का एक्सटेंशन दे दिया था। याचिका में कहा गया है कि बाजवा को हाल ही में इमरान खान सरकार ने जो एक्सटेंशन दिया वह भी अवैध है।