कतर के दोहा एयरपोर्ट पर सिडनी जाने वाली महिला यात्रियों से पैंट उतारकर उनके प्राइवेट पार्ट्स की जाँच का आदेश दिया गया। इस घटना को लेकर काफी विवाद पैदा हो गया। महिला यात्रियों को फ्लाइट से उतारकर उन्हें जबरन एंबुलेंस में बैठाया गया और कपड़े उतारने का आदेश दिया गया। यात्रियों से महिला नर्सों ने कहा कि विमान पर वापस जाने से पहले उनकी योनि की जाँच करने की आवश्यकता है।
विवाद इस बात को लेकर और भी तब बढ़ गया जब इस जाँच के दौरान उनके प्राइवेट पार्ट्स को छूकर जाँच करने की बात कही गई। दरअसल, टर्मिनल के बाथरूम में एक प्रीमेच्योर बेबी के मिलने पर इस तरह के आदेश दिए गए थे। एयरपोर्ट ने अपील की थी कि बच्चे की माँ आगे आए और उसे ले जाए।
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। जिसके बाद कतर ने बुधवार (अक्टूबर 28, 2020) को माफी माँग ली। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने कहा कि 10 यात्री विमानों की महिला यात्रियों की जबरन जाँच की गई।
दरअसल, कतर एयरपोर्ट के बाथरूम से एक लावारिस नवजात बच्चा मिला था, इसके बाद दोहा एयरपोर्ट के अधिकारियों ने महिलाओं को प्राइवेट पार्ट की जाँच करवाने के लिए मजबूर किया। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरिसे पायने ने सीनेट में सुनवाई के दौरान कहा था कि कुल 10 एयरक्राफ्ट की महिला यात्रियों को तलाशी का शिकार होना पड़ा जो पूरी तरह से परेशान करने वाला है।
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने बताया था कि फ्लाइट संख्या 908 के कतर की राजधानी से गुजरने के दौरान जिन महिलाओं की जाँच की गई, उनमें से एक महिला ऑस्ट्रेलियाई नर्स थी, जिसने इस पर नाराजगी जताई।
महिलाओं में से एक ने ऑस्ट्रेलिया में संवाददाताओं से कहा था, “कोई भी अंग्रेजी नहीं बोलता और न ही हमें बताता है कि क्या हो रहा था। यह भयानक था। हम 13 थे और हम सभी को वहाँ से निकलना पड़ा। एक माँ ने अपने सोते हुए बच्चों को विमान पर छोड़ दिया था।”
एक यात्री ने बताया था, “जब मैं एम्बुलेंस में गई, तो एक महिला थी, जहाँ पर एक महिला मास्क पहने हुई थी और फिर अधिकारियों ने मेरे पीछे एम्बुलेंस को बंद कर दिया। मैंने कहा मैं ऐसा नहीं करुँगी और उसने मुझे कुछ भी नहीं समझाया। वह सिर्फ कहती रही, “हमें इसे देखने की जरूरत है, हमें इसे देखने की जरूरत है।” महिला ने कहा कि उसने एम्बुलेंस से निकलने की कोशिश की और दूसरी तरफ के अधिकारियों ने दरवाजा खोल दिया। वो बाहर कूद गई और निकल गई।
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने कहा कि दो अक्टूबर को सिडनी जाने वाली 18 महिलाएँ (13 ऑस्ट्रेलिया की थीं) और फ्रांसीसी समेत अन्य विदेशी महिला यात्री इस जाँच का शिकार हुईं। उन्होंने यह नहीं बताया कि अन्य महिला यात्री कहाँ जा रही थीं। इस घटना के बाद अब ऑस्ट्रेलिया और कतर के बीच में राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। ऑस्ट्रेलिया ने इस घटना पर विरोध दर्ज कराया था।
ऑस्ट्रेलिया के अधिकारी अन्य देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जहाँ महिलाएँ इस दुर्व्यवहार का शिकार हुई थी। इससे पहले दोहा के हमद एयरपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की थी कि यह घटना हुई है। हालाँकि उसने विस्तृत विवरण देने से मना कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों और व्यापार विभाग के प्रमुख फ्रांसिस एडम्सन ने कहा था कि ऐसी गहन पूछताछ कैसी हो सकती है। यह बहुत ही गंभीर और परेशान करने वाला मामला है। अधिकारियों ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया भी अन्य देशों के साथ दोहा के समक्ष इस मामले को गंभीरता से उठाने की तरफ आगे बढ़ रहा है।
अधिकारियों ने एक बयान में कहा था, “आस्ट्रेलियाई सरकार दोहा हवाई अड्डे पर हाल ही में कतर एयरवेज की उड़ान में कुछ महिला यात्रियों के साथ हुए व्यवहार से चिंतित है।” सरकार ने यात्रियों के साथ हुई घटना को आक्रामक, घोर अनुचित और परिस्थितियों से परे बताया। मामले को ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस को भेजा गया है, जिसने कहा कि वे इस मामले से अवगत थे।