दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज और विकेटकीपर क्विंटन डिकॉक ने ‘ब्लैक लाइव्स मैटर (BLM)’ के समर्थन के लिए घुटने के बल बैठने से इनकार कर दिया है। बता दें कि मंगलवार (26 अक्टूबर, 2021) को दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज का मैच चल रहा है। क्विंटन डिकॉक ने BLM के समर्थन में घुटने के बल बैठने से इनकार कर दिया, जिस वजह से उन्हें इस मैच से बाहर होना पड़ा है।
बता दें कि भारतीय टीम ने भी घुटने के बल बैठ कर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ का समर्थन किया था। इसके बाद लोगों ने सवाल पूछे थे कि उन्हें विदेशी प्रोपेगंडा का हिस्सा बनने में कोई गुरेज नहीं है, लेकिन बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने ऐसा कुछ क्यों नहीं किया? भारतीय खिलाड़ियों को पश्चिम के एजेंडे में न फँसने की सलाह दी गई। उन्हें पड़ोसी इस्लामी मुल्कों पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे जुर्म याद दिलाए गए।
🇿🇦 Cricket South Africa (CSA) has noted the personal decision by South African wicketkeeper Quinton de Kock not to “take the knee” ahead of Tuesday’s game against the West Indies.
— Cricket South Africa (@OfficialCSA) October 26, 2021
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दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि उसने क्विंटन डिकॉक के इस फैसले का संज्ञान लिया है। ‘क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA)’ ने कहा कि क्विंटन डिकॉक ने घुटने के बल न बैठने का व्यक्तिगत निर्णय लिया, जिसका हमने संज्ञान लिया है। CSA ने कहा कि बोर्ड ने नस्लवाद के खिलाफ एकजुटता और निरंतरता से खड़ा होने का निर्णय लिया, उसी अनुरूप दिशानिर्देश जारी किए गए थे सभी खिलाड़ियों के लिए घुटने के बल बैठ कर BLM को समर्थन दिखाना अनिवार्य होगा।
बोर्ड ने कहा, “खिलाड़ियों के ‘फ्रीडम ऑफ चॉइस’ सहित सभी मुद्दों पर विचार करते हुए हमने निर्णय लिया था कि सभी खिलाड़ियों के लिए नस्लवाद के विरुद्ध स्टैंड लेना अनिवार्य है, खासकर दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को देखते हुए। हमारा मानना है कि रोजमर्रा की ज़िंदगी में विविधता विभिन्न रूपों में प्रदर्शित की जा सकती है, लेकिन नस्लवाद के विरुद्ध अभियान में ये मायने नहीं रखता। टीम मैनेजमेंट की अगली प्रतिक्रिया के बाद बोर्ड आगे का निर्णय लेगा।”
CSA ने साफ़ कर दिया है कि T20 विश्व कप के अगले सभी मैचों में नस्लवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए खिलाड़ियों के लिए घुटने के बल बैठना अनिवार्य है। साथ ही उसने ‘महत्वपूर्ण और सार्वजनिक स्टैंड’ लेने के लिए अपने अन्य खिलाड़ियों को धन्यवाद दिया। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कोच मार्क बाउचर भी इसी को लेकर विवादों में घिरे थे। पूर्व अश्वेत खिलाड़ियों ने आरोप लगाया था कि उनके समय में नस्लवाद हावी था।