स्वीडन में कथित तौर पर कुरान की एक प्रति जलाए जाने के विरोध में यमन, इराक, जॉर्डन और तुर्की सहित कई मिडिल ईस्ट देशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की खबर है। तुर्की और यमन में स्वीडिश दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने स्वीडन के राष्ट्रीय ध्वज को जलाया और कुरान जलाने की घटना की कड़ी निंदा की।
यमन और तुर्की की सड़कों पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए और स्वीडन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने सभी स्वीडिश ब्रांडों जैसे कपड़ों के ब्रांड H&M, फर्नीचर ब्रांड IKEA, Skype, Volvo, Ericsson, Nordea और अन्य का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया है। सोशल मीडिया पर विरोध-प्रदर्शन के कई वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं। इसमें प्रदर्शनकारियों को स्वीडन के खिलाफ नारेबाजी करते और स्वीडिश ब्रांडों के बहिष्कार की माँग करते हुए देखा जा सकता है।
Salute to Turkey 🇹🇷#BoycottSwedenBrands pic.twitter.com/cJV8POhIwn
— ✯𝓐𝓶𝓲𝓷 𝓚𝓱𝓪𝓷✯ (@AK7T2) January 23, 2023
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— Shehr bano Fan (@officalUsamaPTI) January 23, 2023
इसके साथ ही कुछ वीडियो में लोगों को स्वीडिश राष्ट्रीय ध्वज को जलाते हुए देखा जा सकता है। ट्विटर पर जावेरिया शेख ने विरोध का वीडियो साझा करते हुए कहा है, “अल्लाह उनको खत्म कर दे, क्योंकि कुरान को जला दिया गया है, इसलिए उन्हें इस दुनिया में रहने का हक नहीं है आमीन।”
May Allah destroy the polytheists, as the #Quran has been burnt Nauzubillah, so may it burn in this world and in the Hereafter, Ameen#BoycottSwedenBrandshttps://t.co/BQFcQUfbbP pic.twitter.com/aPtsG5H7pf
— Javeria Sheikh جویریہ شیخ (@Javeria__Sheikh) January 23, 2023
उल्लेखनीय है कि NATO में स्वीडन को शामिल करने के बीच तुर्की बाधा बना हुआ है। इस बीच दोनों देशों के रिश्ते में कुरान जलाने की घटना के बाद से और कड़वाहट आ गई है। 21 जनवरी 2023 को स्टॉहोम में तुर्की के दूतावास के सामने स्वीडन की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘हार्ड लाइन’ के नेता रासमस पलुदान (Hard Line Leader Rasmus Paludan) ने मुस्लिमों की दीनी किताब कुरान को सार्वजनिक तौर पर जलाया था। इतना ही नहीं, इस दौरान पलुदान ने इस्लाम और आव्रजन को लेकर एक घंटे तक भाषण भी दिया। लगभग 100 लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए पलुदान ने कहा था, “अगर आपको (मुस्लिमों को) लगता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं होनी चाहिए तो आप रहने के लिए कोई और जगह देखिए।”
इसको लेकर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह घटना बार-बार चेतावनी देने के बाद हुई। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए बयान में कहा गया है, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में मुस्लिमों को निशाना बनाने और पवित्र किताब का अपमान करने वाले इस इस्लाम विरोधी कृत्य की अनुमति देना अस्वीकार्य है।”
इस घटना के बाद प्रदर्शनकारियों ने अगले दिन (22 जनवरी 2023) इस्तांबुल में स्वीडिश महा वाणिज्यदूतावास के सामने धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘हार्ड लाइन’ के नेता रासमस पलुदान (Hard Line Leader Rasmus Paludan) की तस्वीर जलाई। अंकारा और इस्तांबुल में विरोध कर रहे लोगों ने स्वीडन की निंदा की। प्रदर्शनकारियों के पास जो बैनर थे, उसमें लिखा गया था, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ की आड़ में ‘इस्लामोफोबिया’ का समर्थन किया गया। हम स्वीडन समर्थित इस्लामोफोबिया की निंदा करते हैं।”
गौरलतब है कि स्वीडन अमेरिका और पश्चिमी देशों के सैन्य संगठन NATO में शामिल होना चाहता है, लेकिन तुर्की बार-बार इसमें बाधा डाल देता है। NATO का नियम है कि इसमें कोई भी नया सदस्य तभी शामिल किया जा सकता है, जब उसमें सभी सदस्य देशों की सहमति हो।