Sunday, November 17, 2024
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‘छाती और शरीर के ऊपरी हिस्से को छू रहे थे’: 54 दिन बाद हमास के कब्जे से बच कर आई महिला ने सुनाया दर्द, कहा – वहाँ का एक-एक आदमी आतंकी

हमास के कब्जे से छुड़ाई गईं 21 साल की इजरायली नागरिक मिया शेम ने बताया कि गाजा नर्क है और वहाँ सब आतंकवादी हैं। वहाँ कोई बेकसूर नहीं है।, एक आदमी भी नहीं। उन्होंने बताया कि वहाँ सब कुछ हमास के आतंकियों द्वारा नियंत्रित होता है। मिया ने बताया कि हमास के कब्जे में रहने के दौरान उन्हें सबसे अधिक चिंता खुद के साथ होने वाले बलात्कार को लेकर थी।

फिलिस्तीन के आतंकी संगठन द्वारा हमास द्वारा इजरायल पर हमले करके महिलाओं एवं बच्चों सहित 240 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर कार्रवाई शुरू की तो मजबूर होकर हमास को कुछ बंधकों को छोड़ना पड़ा था। हमास द्वारा छोड़े गए लोगों में 21 साल की मिया शेम भी हैं। उन्होंने हमास के कब्जे में बिताए समय के खौफनाक पल के बारे में दुनिया को बताया है।

सिर्फ 21 साल की इजरायली नागरिक मिया शेम ने बताया कि गाजा नर्क है और वहाँ सब आतंकवादी हैं। वहाँ कोई बेकसूर नहीं है।, एक आदमी भी नहीं। उन्होंने बताया कि वहाँ सब कुछ हमास के आतंकियों द्वारा नियंत्रित होता है। मिया ने बताया कि हमास के कब्जे में रहने के दौरान उन्हें सबसे अधिक चिंता खुद के साथ होने वाले बलात्कार को लेकर थी। उन्होंने बताया कि हमास के आतंकी महिलाओं को हवस भरी निगाहों से देखते थे।

इजराइल के चैनल 12 और 13 को दिए इंटरव्यू में मिया ने बताया कि 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हमास ने जब हमला किया था, उस दौरान वह नोवा म्यूजिक फेस्टिवल शामिल होने गई थीं। उन्होंने जैसे ही आतंकियों को देखा, वो अपने दोस्त के साथ एक कार में छिप गईं और वहाँ से भागने की कोशिश की। हालाँकि, वह भाग नहीं सकीं और आतंकियों ने कार की टायर में गोली मारकर पंक्चर कर दिया।

इसके बाद एक ट्रक में भरकर हमास के आतंकी वहाँ पहुँचे और उनको घूरने के बाद बेद नजदीक से उनके हाथ में गोली मार दी। इसके बाद वह चिखते हुए जमीन पर गिर गईं। इस दौरान आतंकियों ने उनके दोस्त एलिया टोलेडानो का हाथ पीछे बाँधकर अपने साथ गाजा ले गए। उन्होंने बताया कि बाद में उनके दोस्त की लाश मिली बरामद हुई थी।

मिया ने बताया कि जब वह जमीन पर गिरी थीं, तब आतंकी हर तरफ गोलियाँ बरसा रहे थे, ताकि कोई घायल ना बचे। वह भी मरने का नाटक करते हुए जमीन पर लेटी रहीं। इसी दौरान वहाँ एक शख्स दिखा, जिसे वह इजरायल समझकर मदद के लिए चिल्लाईं। हालाँकि वह हमास का आतंकी था और वह पास आकर उन्हें खड़े होने के लिए कह

हमास के बंधन में 55 दिन बीताने वाली मिया ने बताया कि वह आतंकी उनकी छाती की ओर घूरते हुए उनके शरीर के ऊपरी हिस्से को जगह-जगह छूने लगा। इसके बाद वह चिल्लाने लगी। इसी दौरान किसी ने उन्हें बालों से पकड़ते हुए कार के अंदर धकेल दिया और अपने साथ गाजा लेकर चला गया। इस दौरान उनके जख्मी हाथ से खून निकलकर हर तरफ फैल रहा था।

बंधक बनाए जाने के दौरान को याद करते हुए मिया ने कहा कि गाजा में उन्हें हर कोई ऐसे निहार रहा था, जैसे वह किसी चिड़ियाघर की जीव हों। उनके जख्मी हाथ में प्लास्टिक बाँध दिया गया और इस तरह वह तीन दिन रहीं। तीन दिन बाद उन्हें हिजाब पहनने के लिए दिया गया और उसमें उन्हें अस्पताल लेे जाया गया। वहाँ बिना बेहोश किए हुए उनके हाथों का ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि जो आदमी आदमी ऑपरेशन कर रहा था उसने कहा कि अब वह जिंदा अपने घर नहीं जा सकेगी।

ऑपरेशन के अगले दिन उन्हें एक प्रोपेगेंडा वीडियो शूट करने के लिए कहा गया, जिसमें फ्रेंच-इजरायली नागरिक मिया को कहना था कि हमास की तरफ से उन्हें कोई तकलीफ नहीं दी जा रही है और उनका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बंधक रहने के दौरान वह अपने घाव को खुद साफ करती थीं और उसकी पट्टी भी खुद बदलती थीं।

इसके बाद उन्हें एक फैमिली वाले घर में भेज दिया गया। इस दौरान उन्हें किसी से बात करने, रोने, घूमने आदि से साफ मना किया था। मिया ने याद करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि बंधक बनाने वाले ने मेरे साथ इसलिए बलात्कार नहीं किया, क्योंकि उसकी पत्नी और बच्चे बगल वाले कमरे में थे। उसकी पत्नी को इस बात से नफरत थी कि वह मेरे साथ कमरे में अकेला था।” उसकी बीवी बहुत बुरी थी।

मिया ने कहा कि वह अपने शौहर के लिए खाना लाती थी, लेकिन उसके लिए नहीं। इस तरह करते हुए उसे बिना खाना खाए तीन दिन बीत गए। एक दिन उसने अपने शौहर से कहा कि इस लड़की को सुरंग में भेज दो। इसके बाद वह इजरायल ने हमला कर दिया। मिया ने बताया कि उन्हें मरने से डर नहीं था। वह इजरायली हमले से बहुत खुश थीं।

इसके बाद उन्हें एक घर से दूसरे घर और दूसरे से तीसरे घर…. इस तरह उन्हें भेजा जाता रहा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वह वापस अपने घर जा सकेंगी। उन्हें सुरंग में भेज दिया गया, जहाँ अन्य इजरायली बंधक रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि एक दिन हमास के एक आतंकी ने कहा कि उन्हें कल छोड़ा जाएगा तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि जब तक वह इजरायली सेना की गाड़ी पर बैठ नहीं गईं, तब तक उन्हें विश्वास नहीं था कि उन्हें रिहा किया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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