यूनाइटेड किंगडम (UK) के प्रधानमंत्री ऋृषि सुनक ने सोमवार (23 अक्टूबर, 2023) को ब्रिटेन की सड़कों पर ‘जिहाद का ऐलान’ करने वालों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हम अपने देश में यहूदी विरोधी भावना को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उनका ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब इज़रायल पर हमास के हमले में हजार से अधिक लोग अपनी जान गँवा चुके हैं और इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है।
पीएन सुनक ने साफ लहजे में कहा, “जिहाद का ऐलान न केवल यहूदी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा है।” गौरतलब है कि शनिवार को मध्य लंदन में फिलिस्तीन समर्थक रैली में लगभग 100,000 लोग शामिल हुए। इस दौरान इन लोगों को जिहाद के नारे लगाते हुए सुना गया।
दरअसल लंदन की पुलिस पर आरोप लगा था कि उन्होंने जिहाद के समर्थन में नारे लगाते लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर पुलिस अधिकारियों ने अपना बचाव करते हुए कानूनों में रद्दोबदल की बात की थी।
इस दौरान मेट्रोपॉलिटन पुलिस चीफ सर मार्क रोवले की इस बात के लिए आलोचना की गई कि उनके विभाग के अधिकारी फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन में जिहाद के नारे लगाने वालों को गिरफ़्तार नहीं कर रहे थे। गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन को भी मेट्रोपॉलिटन पुलिस चीफ ने यही पट्टी पढ़ाई थी। इसे लेकर पीएम सुनक ने यूके की संसद में जोरदार तहरीर दी।
This weekend we saw hate on our streets.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) October 23, 2023
Calls for Jihad are not only a threat to the Jewish community, but to our democratic values.
We will never tolerate antisemitism in our country.
And we expect the police to take all necessary action to tackle extremism head on. pic.twitter.com/ET3ZouqwUj
इसे लेकर पीएम ऋषि सुनक ने एक्स पर पोस्ट किया, “इस सप्ताहांत हमने अपनी सड़कों पर नफरत देखी। जिहाद का ऐलान न केवल यहूदी समुदाय के लिए, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा हैं। हम अपने देश में यहूदी विरोधी भावना को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। और हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस इस उग्रवाद से निपटने के लिए सभी जरूरी कार्रवाई करेगी।”
We must never lose sight of how essential the two-state solution is.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) October 23, 2023
We must keep alive that vision of a better future, against those who would destroy it.
Together with our partners, that is what we will do. pic.twitter.com/Ibvc5tcxZX
पीएम ऋषि सुनक ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि जो प्रदर्शनकारी घिनौने उग्रवाद को दोहराते हैं, उन्हें अब कानून की पूरी ताकत महसूस होगी। यूके की संसद हाउस ऑफ़ कॉमन्स में पीएम सुनक ने जिहाद को लेकर काफी कुछ कहा।
दरअसल मेट्रोपॉलिटन पुलिस चीफ सर मार्क रोवले ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पुलिस की शक्तियों के बारे में बहस के बीच सुझाव दिया कि कानूनों को फिर से बनाने की जरूरत हो सकती है। इस पर पीएम सुनक ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, “जहाँ भी कानून में कमियाँ हैं, हमें उन्हें संबोधित करने और उन पर गौर करने में खुशी होगी।
पीएम सुनक ने आगे कहा, “लेकिन हमारा मानना है कि इस समय पुलिस के पास उन लोगों को गिरफ्तार करने की शक्तियाँ हैं जो हिंसा या नस्लीय नफरत भड़का रहे हैं, हमारी सड़कों पर इस तरह व्यवहार के लिए कोई जगह नहीं है और हम इस पर अधिकारियों को मार्गदर्शन के लिए जमीनी तौर पर बड़े पैमाने पर काम करेंगे ताकि वो खुद को मिली शक्तियों और साधनों के बारे में अच्छे से जान सकें और कानून की ताकत को महसूस करें।”
उन्होंने कहा कि ‘जिहाद और मुस्लिम सेनाओं के खड़े होने’ का ऐलान करना यहूदी समुदाय के लिए खतरा नहीं है बल्कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए भी खतरा है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर से पुलिस अपना काम करने के लिए आजाद है, लेकिन गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने उनके सामने ये मुद्दा उठाया है।
इस बीच पीएम सुनक ने साफ इशारा किया कि वीकेंड में फिलिस्तीन रैली में टिप्पणियों के बाद चरमपंथी माने जाने नारों को लगाने वालों को रोकने के लिए पुलिस को और अधिक अधिकार दिए जाने की संभावना नहीं है। दरअसल, मेट्रोपॉलिटन पुलिस चीफ ने मौजूदा चरमपंथ विरोधी कानून पर चिंता जताते हुए कहा था कि इन कानूनों को फिर से तैयार करने की जरूरत हो सकती है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस चीफ ब्रेवरमैन बताया था कि जिहाद के कई मतलब हैं।
ब्रेवरमैन ने ये भी कहा कि आतंकवाद विरोधी एक्सपर्ट अधिकारियों ने शनिवार को मिली खास वीडियो क्लिप (लंदन रैली) से किसी भी अपराध की पहचान नहीं की है। दरअसल, गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने सोमवार (23 अक्टूबर, 2023) को सर मार्क रोवले से मुलाकात की थी। वहाँ उनके जिहाद का नारा लगाने वाले फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी से निपटने के तरीके पर चर्चा हुई थी। पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि वीकेंड में मध्य लंदन में प्रदर्शन की फुटेज में किसी भी अपराध की पहचान नहीं की गई थी।