यूक्रेन और रूस में बढ़ते संघर्ष के बीच रूसी राजदूत डेनिस अलिपोव (Denis Alipov) ने बयान दिया है कि रूस यूक्रेन से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारा बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रूस भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए भारत सरकार के आग्रह पर पूरा सहयोग कर रहा है। हम एक ऐसा सुरक्षित पैसेज बनाने में लगे हैं जिससे भारतीय छात्रों को यूक्रेन से रूस में सुरक्षित लाया जा सके। भारत में रूसी राजदूत नामित डेनिस अलीपोव ने बुधवार (2 मार्च, 2022) को ये जानकारी दी।
हम खार्किव और पूर्वी यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों में फंसे भारतीयों के लिए भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। हमें रूस के क्षेत्र के माध्यम से वहां फंसे सभी लोगों को आपातकालीन निकासी के लिए भारत के अनुरोध प्राप्त हुए हैं: डेनिस अलीपोव, भारत में रूसी राजदूत pic.twitter.com/UKXaWZWZeR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2022
अलीपोव ने एक वर्चुअल ब्रीफिंग में मीडिया को बताया कि रूसी पक्ष को उम्मीद है कि मानवीय गलियारा को जितनी जल्दी हो सके बनाया जाए ताकि इन संघर्ष क्षेत्रों में फँसे भारतीयों को रूसी क्षेत्र में ले जाया जा सके। उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष यूक्रेन में सैन्य अभियानों को जल्द से जल्द रोकने का इरादा रखता है क्योंकि यह स्थिति दोनों देशों के लिए एक ‘त्रासदी’ है।
We are strategic allies with India. We are grateful to India for its balanced position displayed at the UN. India understands the depth of this crisis: Denis Alipov, Russian Ambassador-designate to India pic.twitter.com/Lt1JQNUfOL
— ANI (@ANI) March 2, 2022
साथ ही रूस के राजदूत अलीपोव ने भारतीय छात्र की मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और छात्र के परिवार और भारतीय राष्ट्र के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र के मौत की जाँच करेगा। उन्होंने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों में फँसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ‘मानवीय गलियारा’ बनाने के लिए काम कर रहा है और खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत की जाँच करेगा।
बता दें कि मंगलवार (1 मार्च, 2022) को 21 वर्षीय मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत के बाद पूर्वी यूक्रेन में खारकीव, सुमी और अन्य संघर्ष क्षेत्रों में फँसे 4,000 भारतीयों को निकालना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है। मोदी सरकार ने वायुसेना को भी ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को निकालने के मिशन पर लगाया है।
रूसी राजदूत डेनिस अलिपोव ने भारत के तारीफ में कहा, “हम भारत के आभारी हैं कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक संतुलित रुख अपनाया है। हम उम्मीद करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में भविष्य में भी भारत इसी तरह का स्टैंड लेगा। दरअसल भारत इस मामले की जटिलता को अच्छे से समझता है। इसलिए भारत ने बहुत ही संतुलित रुख अपनाया है।”
भारतीयों को निकालने का अभियान जारी
भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी है। ऑपरेशन गंगा के तहत नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुँचे हुए हैं और छात्रों की सुरक्षित वापसी की वह स्वयं निगरानी कर रहे हैं। आज बुखारेस्ट में हेनरी कोंडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्होंने भारतीय छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी छात्रों को निकाला जा रहा है और भारत वापस लाया जाएगा।
#WATCH | Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia interacts with Indian students at Henri Coandă International Airport in Bucharest (Romania). The students are being evacuated and being brought back to India. #OperationGanga pic.twitter.com/KStF51un0I
— ANI (@ANI) March 2, 2022
वहीं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुखारेस्ट में फ्लाइट से भारत लौट रहे छात्रों के परिवार से फोन पर बात की। जिसकी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं।
रोमानिया: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुखारेस्ट में फ्लाइट से भारत लौट रहे छात्रों के परिवार से फोन पर बात की। pic.twitter.com/P6XDcjnxyj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2022
गौरतलब है कि यूक्रेन से रोमानिया के बुखारेस्ट शहर आए कई भारतीय छात्रों ने बताया कि चेकपॉइंट्स से सुरक्षित निकलने में तिरंगे ने उनकी काफी मदद की। जिन गाड़ियों पर तिरंगा लगा था, उन्हें बिल्कुल भी रोका नहीं जा रहा है। यहाँ तक कि कुछ पाकिस्तानी और तुर्की के छात्रों ने भी यूक्रेन से निकलने के लिए तिरंगे की मदद ली।
आपको बता दें ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकाला जा रहा है। इन छात्रों के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देश रोमानिया, स्लोविया और पोलैंड से विशेष फ्लाइट्स उड़ाई जा रही हैं। इस काम में एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो के विमान भी लगे हुए हैं। इनका सारा खर्च मोदी सरकार उठा रही है।