रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार (सितम्बर 02, 2020) को रूस की राजधानी मॉस्को पहुँचे। जहाँ रूस में राजनाथ सिंह के समकक्ष ने भारत को यह आश्वासन दिया है कि वह भारत के अनुरोध का पालन करते हुए पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेंगे।
रूस ने भारत को रक्षा मामलों में सहयोग का भी आश्वासन दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगू के बीच मॉस्को में एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि मॉस्को ताजा घटनाक्रम से परिचित है।
इसके साथ ही, भारत और रूस ने अमेठी में एक AK203 असॉल्ट राइफल कारखाने की स्थापना में तेजी लाने और अपने रक्षा उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह मेक-इन-इंडिया में रूसी रक्षा उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एक बहुत ही सकारात्मक आधार प्रदान करता है।
दोनों पक्षों ने ‘AK203 असॉल्ट राइफल’ के उत्पादन के लिए भारत-रूसी संयुक्त उद्यम की स्थापना के लिए चर्चा के अग्रिम चरण का स्वागत किया है। ‘AK203 असॉल्ट राइफल’ को पैदल सेना के लिए सबसे आधुनिक हथियारों में से एक माना जाता है। यह एके-47 राइफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है। यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (इनसास) 5.56 गुना 45 मिमी राइफल की जगह लेगा।
अधिकारियों ने कहा कि राजनाथ सिंह रूसी पक्ष से भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी अनुरोध करेंगे। भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पहले खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक निर्धारित है। जून के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह दूसरी मॉस्को यात्रा है।
वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि भारत-चीन तनाव के बीच रूस की राजधानी मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से अलग, चीन के रक्षा मंत्री जरनल वे फेंघे (Wei Fenghe) ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की इच्छा जाहिर की है। चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन के समक्ष सीमा गतिरोध के सम्बन्ध में यह इच्छा व्यक्त की है।