उत्तरी अफ्रीकी देश सूडान में जारी हिंसा के बीच मोदी सरकार ऐक्शन में है। सऊदी अरब की सरकार से बातचीत के बाद वहाँ से कुछ भारतीयों को सऊदी अरब ने निकाला है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सूडान से उसने न सिर्फ अपने नागरिकों निकाला, बल्कि सहयोगी एवं मित्र राष्ट्रों के कई नागरिकों को निकाला गया है।
सूडान में सत्ता पर कब्जा को लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष जारी है। ऐसे में वहाँ कई भारतीय भी फँसे हुए थे। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सऊदी अरब के अपने समकक्ष से बात की और भारतीयों को वहाँ से निकालने में मदद माँगी। इसके बाद सऊदी अरब ने 66 लोगों को निकाला, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, “सऊदी नेतृत्व के निर्देशों के कार्यान्वयन में हम सूडान से निकाले गए नागरिकों, राजनयिकों और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों सहित भाईचारे एवं मित्र देशों के कई नागरिकों के सुरक्षित आगमन की घोषणा करते हुए प्रसन्न हैं।”
बयान में आगे कहा गया है, “निकाले गए 91 लोगों में भाईचारे एवं मित्र देशों के 66 नागरिक शामिल हैं। इनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, बुल्गारिया, कुवैत, कतर, यूएई, मिस्र, ट्यूनीशिया, फिलीपींस, कनाडा और बुर्किना फासो के नागरिक हैं। सऊदी अरब इन सभी को जरूरी सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा है।”
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (21 अप्रैल 2023) को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस दौरान सूडान में स्थिति का आंकलन किया गया। भारतीय दूतावास के आधिकारिक रिकॉर्ड के हिसाब से वहाँ 181 भारतीय नागरिक हैं। हालाँकि, वहाँ 350 से ज्यादा भारतीयों के मौजूद होने की संभावना जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूडान में फँसे भारतीयों के पास खाना और पीने का पानी भी खत्म हो चुका है। वे भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं। जिंदा रहने के लिए टॉयलेट का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। ऊपर से उन्हें गोली का निशाना बनने का खतरा हमेशा बना रहता है।
बात दें कि सूडान के सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो के लड़ाई तेज हो गई है। सेना (SAF) का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे हैं। वहीं, अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) का नेतृत्व डागालो कर रहे हैं।
SAF ने अक्टूबर 2021 में सूडान के निरंकुश तानाशाह उमर अल-बशीरका तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद से सेना संप्रभुता परिषद के जरिए देश पर शासन कर रही है। वहीं, RSF सूडान में नागरिक सरकार स्थापित करना चाहता है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच जंग जारी है।