सऊदी अरब में 22 मार्च 2023 से शुरू हो रहे रमजान को लेकर कई पाबंदियाँ लगा दी गई हैं। जारी की गई नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने के साथ-साथ इफ्तार पार्टी पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, बिना आईडी के ऐतिकाफ के लिए बैठने और नमाज के प्रसारण पर भी रोक लगा दी गई है।
सऊदी अरब के इस्लामी मामलों के मंत्री शेख डॉक्टर अब्दुल लतीफ बिन अब्दुलअजीज अल-अलशेख की तरफ से 10-सूत्री निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए उन्होंने लिस्ट जारी की है। मंत्रालय की तरफ से जारी हुक्म में कहा गया है कि इमाम और मोअज्जिन रमजान के दौरान गैर-हाजिर नहीं रहेंगे। किसी आपात स्थिति में इमाम और मोअज्जिन अपनी जगह किसी और को नियुक्त करके ही जाएँ।
इमाम और मोअज्जिन को शाम की नमाज़ को छोटा रखने और रात की नमाज़ को पर्याप्त समय के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, लोगों से कहा गया है कि वे अपने बच्चों को लेकर मस्जिद न आएँ। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि बच्चे लोगों को परेशान करते हैं और इससे लोगों की इबादत में खलल पड़ता है।
أصدر معالي وزير الشؤون الإسلامية د.#عبداللطيف_آل_الشيخ تعميمًا لكافة فروع الوزارة بضرورة تهيئة المساجد والجوامع لمايخدم المصلين، وذلك ضمن استعدادات الوزارة لاستقبال شهر #رمضان المبارك لهذا العام ١٤٤٤هـ. pic.twitter.com/9Q4x9CWWPE
— وزارة الشؤون الإسلامية 🇸🇦 (@Saudi_Moia) March 3, 2023
आदेश के अनुसार, नमाज के दौरान मस्जिद में लाउडस्पीकर के अलावा फोटोग्राफी और प्रसारण पर भी रोक लगाई गई है। मस्जिद में इफ्तार की भी इजाजत नहीं है। इसलिए इफ्तार के लिए चंदा जुटाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। यदि कोई व्यक्तिगत रूप से रोजेदार को इफ्तार कराना चाहता है तो वह इमाम की इजाजत लेकर मस्जिद के अहाते (परिसर) में करा सकता है, लेकिन इसकी साफ-सफाई का भी इंतजाम खुद करना होगा।
रमजान के आखिरी 10 दिनों में ‘एतिकाफ’ के लिए भी कड़े नियम बनाए गए हैं। इतिकाफ के लिए मस्जिद के इमाम से इजाजत लेनी होगी। मस्जिद का इमाम ही उन्हें सत्यापित करेगा। बता दें कि ‘ऐतिकाफ’ इस्लाम में एक प्रथा है, जिसमें रमजान के आखिरी के 10 दिनों के दौरान कुछ लोग मस्जिद में एकान्त होकर अल्लाह की इबादत करते हैं। 10 दिनों तक ये लोग मस्जिद में ही रहते हैं।