आतंकवादी समूह सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक और आग लगाने वाला वीडियो जारी किया है जिसमें उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी देते हुए दावा किया है कि खालिस्तानी पंजाब को भारत से अलग करने के लिए तैयार हैं। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब पन्नू ने इस तरह से धमकी दी हो। पंजाब में सिखों को भारत का विरोध करने के लिए उकसाने के लिए पन्नू अक्सर अपने यूट्यूब चैनल पर ऐसे ही भड़काऊ वीडियो अपलोड करता है।
इस वीडियो में, पन्नू को यह घोषणा करते हुए सुना जा सकता है कि 5 जनवरी को फ्री खालिस्तान जनमत संग्रह आंदोलन शुरू हो गया है और पंजाब के लोगों ने स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ा दिया है।
अपने आपत्तिजनक वीडियो में पीएम मोदी और भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पन्नू ने कहा कि फ्री खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान 5 जनवरी को तब शुरू हुआ जब ‘तिरंगवाले (भारतीय)’ पंजाब से दिल्ली भाग गए, जबकि ‘खंडे और केसरी वालों (सिख)’ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब से भागने पर मजबूर कर दिया।
भारत सरकार को परोक्ष रूप से धमकी देते हुए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन प्रमुख ने कहा कि पंजाब ने आजादी की ओर पहला कदम बढ़ाया है। पंजाब की जनता ने आज फैसला कर लिया है। मोदी और उनकी सरकार को ध्यान देना चाहिए, कि जब “इंदिरा हथियारों के साथ पहुँची थी, तो उन्होंने एहसान वापस कर दिया था” (पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी की हत्या की तरफ इशारा)।
पन्नू यहीं नहीं रूका उसने आगे कहा, “आप सभी पंजाब में डर पैदा करने आए थे, लेकिन पंजाब के लोगों ने आपको चुपचाप घर लौटने के लिए मजबूर कर दिया।”
उसने आगे कहा कि खालिस्तान जनमत संग्रह बम के बजाय वोटों पर आधारित है और वह वोट की इस शक्ति का उपयोग पंजाब को भारत के चंगुल से मुक्त कराने के लिए करेगा। पन्नू ने कहा कि पंजाब ने फैसला किया है कि पंजाब में जनमत संग्रह उस समय होगा जब पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होंगे और कोई भी राजनीतिक दल जो केसरी के खिलाफ खड़ा होगा, चाहे वह कॉन्ग्रेस का चन्नी हो, सिद्धू, भाजपा, या ‘झाड़ू वाले (आप),’ उन्हें खंड के साथ जवाब दिया जाएगा।
पन्नू ने यह भी कहा, “तिरंगे का समर्थन करने वालों को पंजाब छोड़कर दिल्ली चले जाना चाहिए।”
प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के आईएसआई समर्थित खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू हमेशा भारत में रहने वाले सिखों को विशेष रूप से खालिस्तानी आंदोलन से सहमत लोगों को उकसाने में लिप्त रहा है। एसएफजे प्रमुख पन्नू, जो यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों में जनमत संग्रह का दावा करता रहा है, ने अपने पिछले वीडियो में बार-बार कहा है कि एसएफजे 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान पंजाब में एक जनमत संग्रह आयोजित करेगा।
गौरतलब है कि पिछले साल 11 जनवरी, 2021 को जारी एक अन्य वीडियो में, पन्नू ने सिख युवकों से इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने और इंडिया गेट के साथ-साथ दिल्ली के हर कोने से भारतीय ध्वज को हटाने के लिए कहा था। पन्नू ने इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार देने की भी घोषणा की थी। उस वीडियो में भी उसने भारत सरकार को धमकी देते हुए कहा था कि अगर शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति नहीं दी गई, तो सिख सशस्त्र विद्रोह में शामिल होने से नहीं हिचकिचाएँगे।
दरअसल, 18 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर में हुई मॉब लिंचिंग से दो दिन पहले, पन्नू, जिस पर पिछले साल सितंबर में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हत्या की धमकी देने का भी मामला दर्ज किया गया था, ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को पत्र लिखकर जनमत संग्रह और ‘दिल्ली के पतन’ में उनके हस्तक्षेप की माँग की थी। उसी पत्र में पन्नू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एसएफजे को “मुक्त पंजाब” का समर्थन करने और “खालिस्तान” बनाने के लिए भी लिखा था।