पाकिस्तान के सिंध प्रांत के उमरकोट में ईशनिंदा के आरोपित डॉक्टर शाहनवाज का पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया था। सिंध प्रान्त की मीरपुर ख़ास पुलिस ने झूठी कहानी गढ़ कर उसे मार दिया था जिसके बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने उनको हार पहनाए थे। सिंध सरकार की कमिटी ने अब खुलासा किया है कि यह एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी था और इसमें DIG स्तर तक के अधिकारी शामिल थे।
सिंध प्रांत के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर ने गुरुवार (26 सितम्बर, 2024) को डॉक्टर शाहनवाज के एनकाउंटर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लंजर ने बताया कि उन्होंने इस मामले में पुलिस की कारस्तानी की जाँच पर एक कमिटी गठित की थी। इसकी रिपोर्ट आ गई है। लंजर ने बताया कि कमिटी ने निर्विवाद रूप से यह माना है कि यह एनकाउंटर पहले से बनाई गई योजना के अनुसार किया गया। कमिटी ने इसके लिए घटना के CCTV फुटेज और गाड़ियों की लोकेशन का पता लगाया और इस निष्कर्ष पर पहुँची।
Sindh Home Minister Zia Ul Hassan Lanjar takes action against Police Officers involved in MirpurKhas tragedy.
— Home & Law Department, Govt of Sindh (@HomeSindh) September 26, 2024
Karachi, September 26, 2024: Sindh Home Minister Zia Ul Hassan Lanjar has said that we believe in the supremacy of the constitution and rule of law, and will protect the… pic.twitter.com/FUcc0mIJ3g
गृह मंत्री लंजर ने कहा है कि इस संबंध में 31 पेज की रिपोर्ट कमिटी ने सौंपी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टर शाहनवाज पर ईशनिंदा के आरोप लगने के बाद पुलिस ने उनकी तलाश चालू की। उमरकोट के SSP ने इस सम्बन्ध में एक टीम को कराची भेजा था। कराची के एक होटल से डॉक्टर शाहनवाज को उमरकोट पुलिस द्वारा उठाया गया और उन्हें सुरक्षा का वादा किया। हालाँकि, इसके बाद उन्हें रास्ते में ही मीरपुर ख़ास की पुलिस को सौंप दिया गया।
इसके बाद मीरपुर ख़ास पुलिस के SSP की गाड़ी में शाहनवाज को ले जाया गया। मीरपुर ख़ास की एक पुलिस यूनिट ने इसके बाद 19 सितम्बर, 2024 को डॉक्टर शाहनवाज की हत्या कर दी। पुलिस ने इसके बाद उनके एनकाउंटर का दावा किया। इसके बाद उनका पोस्टमार्टम करवाया गया। डॉक्टर शाहनवाज के शव के साथ भी रास्ते में इस्लामी कट्टरपंथियों ने बर्बरता की। उन्होंने शाहनवाज के शव को जला दिया था। हालाँकि, जिस वाहन में उनका शव ले जाया जा रहा था, उसके हिन्दू ड्राइवर ने किसी तरह उनका शव बचाया।
डॉक्टर शाहनवाज का फर्जी एनकाउंटर करने पर पुलिस के अधिकारियों के इस्लामी कट्टरपंथियों ने हाथ चूमे थे और उन्हें हार पहनाए थे। अब इन सभी अधिकारियों पर सिंध की सरकार ने कार्रवाई की है। उन्हें इस मामले में निलंबित कर दिया गया है। इन पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सिंध सरकार ने FIR का आदेश दिया है।
गृह मंत्री लंजर ने कहा है कि उन्होंने इस संबंध में पीड़ित परिवार को पुलिसवालों के विरुद्ध FIR करने का मौक़ा दिया है। यदि वह FIR नहीं करते तो फिर सरकार FIR करेगी। वहीं पीड़ित परिवार के वकील ने कहा है कि वह जल्द इस संबंध में FIR करवाएँगे। पीड़ित परिवार ने इस मामले में न्यायिक जाँच की माँग की है।
बता दें कि डॉ शाहनवाज का मुद्दा 17 सितंबर से ही पाकिस्तान में गर्माया हुआ था। उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के लिए अपशब्द कहे। इस आरोप के बाद उनके कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के स्क्रीनशॉट वायरल हुए और उमरकोट के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर अस्पताल ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। साथ ही बयान में बताया कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया है और चूँकि उनके खिलाफ उमरकोट और अन्य जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं अब अस्पताल को उनकी सेवा नहीं चाहिए।
After Dr. Shah Nawaz's Extrajudicial Killing, his body was burnt in the Public. pic.twitter.com/nFML1PsTrO
— Faraz Pervaiz (@FarazPervaiz3) September 19, 2024
18 सितंबर को इस बाबत कई कट्टरपंथी सड़क पर आ गए। प्रेस क्लप के सामने इकट्ठा होकर डॉक्टर शहनवाज की फौरन गिरफ्तारी की माँग उठाई। मामला 295 सी के तहत दर्ज कराते हुए खुलेआम सजा-ए-मौत माँगी। इस दौरान पुलिस अधिकारियों के वाहन में भी आग लगाई गई, उनपर पथराव भी हुआ और कई सार्वजनिक और सरकारी प्रॉपर्टी तोड़ी-फोड़ी गई। पुलिस ने हालात कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर शहनवाज को पकड़ा तो, लेकिन सजा उन्हें कानून के मुताबिक नहीं दी बल्कि उनका फर्जी एनकाउंटर कर दिया।