श्री लंका में ईस्टर संडे के मौके पर चर्च और होटलों में हुए सिलसिलेवार धमाकों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। श्रीलंका सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायक ने कहा है कि 21 अप्रैल को हुए बम धमाकों को अंजाम देने वाले कुछ हमलावरों ने कश्मीर और केरल की यात्रा की थी। उन्होंने आशंका जताई है कि हो सकता है कि वो लोग वहाँ पर आतंकी ट्रेनिंग लेने के लिए गए होंगे। बता दें कि, श्री लंका में हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी।
‘Easter bombers visited Kashmir for training’: Sri Lanka army chiefhttps://t.co/yUa0DQNfQJ pic.twitter.com/xIPEcRX7nG
— Hindustan Times (@htTweets) May 4, 2019
श्रीलंका के सेना प्रमुख ऐसे पहले वरिष्ठ अधिकारी हैं जिन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि ईस्टर के मौके पर धमाकों को अंजाम देने वाले आतंकियों ने भारत की यात्रा की थी। सेना प्रमुख ने कहा कि उनके पास मौजूद जानकारी के अनुसार, हमालवरों ने भारत के बेंगलुरु, कश्मीर और केरल की यात्रा की थी। वहीं जब उनसे इस यात्रा के पीछे के उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह किसी तरह के प्रशिक्षण के लिए या देश के बाहर मौजूद संगठनों के साथ लिंक स्थापित करने के लिए की गई यात्रा हो सकती थी। इस मामले को लेकर केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी एनआईए ने छापे मारे। इस दौरान कुछ लोगों को इस्लामिक स्टेट के साथ लिंक होने के संदेह में हिरासत में लिया गया।
भारतीय गृह मंत्रालय की तरफ से श्री लंका के सेना प्रमुख के बयान पर अभी तक किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मगर सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी का कहना है, “श्री लंका ने हमारे साथ इस तरह की कोई जानकारी साझा नहीं की है। अहम बात यह है कि श्रीलंका सुरक्षा एजेंसियों ने खुद जाँच के बाद इससे इनकार कर दिया था।”
भारतीय अधिकारियों का मानना है कि इस्लामिक उपदेशक मौलवी बिन हाशिम ने भारत की यात्रा की थी। हाशिम को श्री लंका धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। वो श्री लंका में नैशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का नेता था। हालाँकि भारतीय अधिकारियों ने हाशिम की भारत यात्रा के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन एक अधिकारी का कहना है कि हाशिम शुरुआत में तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के साथ जुड़ा था और इस संस्था का आतंकी गतिविधियों में कोई हाथ नहीं था। लेकिन फिर बाद में हाशिम ने टीएनटीजे को छोड़कर नैशनल तौहीद जमात की स्थापना की थी। जहाँ उसने इस्लाम के हिंसक रूप का प्रचार करना शुरू कर दिया।