श्री लंका ने भी अब अंतरिक्ष में अपनी धाक दिखाई है। हालाँकि, यह द्वीपीय देश इससे पहले अंतरिक्ष में अपने क्रियाकलापों के लिए बहुत चर्चा में नहीं रहा है लेकिन पिछले कुछ दिनों से श्री लंका एक सैटेलाइट को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का बाज़ार गर्म है। ‘रावण-1’ श्री लंका का पहला ऐसा सैटेलाइट है, जिसे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया गया। सोमवार (जून 17, 2019) को ये प्रक्रिया सफलतापूर्वक संचालित की गई। इसे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से कक्षा में स्थापित किया गया।
Marking #SriLanka‘s entry into global space age, First CubeSat ?️RAAVANA-1 to be deployed today, 17 June in collaboration with @JAXA_en from @Space_Station ????
— MFA SL (@MFA_SriLanka) June 17, 2019
Live broadcasting on YouTube (14:05-14:55 SL time) @https://t.co/6V7UJfpCj6#lka #Raavana1 pic.twitter.com/pa97hK1kGW
रावण-1 के साथ ही नेपाल और जापान के 2 BIRDS सैटेलाइट भी कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किए गए। रावण-1 एक क्यूब सैटेलाइट है, जिसे श्री लंका के 2 रिसर्च इंजीनियरों द्वारा डिजाइन किया गया है। इन दोनों इंजीनियरों ने ही जापान क्यूशू इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में रिसर्च कर इस कार्य को अंजाम दिया और अपने देश का नाम रौशन किया। इसे सोमवार को क़रीब पौने 4 बजे कक्षा में भेजा गया। इन सैटेलाइट्स को इसी वर्ष अप्रैल में अंतरिक्ष में भेजा गया था।
Well done, Tharindu & Dulaani! We’re delighted that #SriLanka‘s first CubeSat RAAVANA-1 was successfully released into orbit, marking Sri Lanka’s entry into global space age. So happy the United States could assist in taking RAAVANA-1 to the @Space_Station. pic.twitter.com/GfuzFzEBt9
— U.S. Embassy Colombo (@USEmbSL) June 19, 2019
यह सैटेलाइट धरती से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। श्री लंका के इस पहले सैटेलाइट (कक्षा में स्थापित) का वजन 1.5 किलोग्राम है। यह सैटेलाइट श्री लंका और उसके आसपास के क्षेत्रों के चित्र लेकर उस इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने में और बेहतरी प्रदान करेगा। इस सैटेलाइट को कुल 5 मिशन पूरे करने हैं। इसकी न्यूनतम जीवन अवधि डेढ़ वर्ष की है।