तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले विपक्षी दल हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम विरोधी दिखाने की कोशिश करते हैं। हालाँकि, इससे अलग पीएम मोदी मुस्लिमों की बेहतरी के लिए लगातार कदम उठाते रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने खुलासा किया है कि उन्होंने गाजा में कार्रवाई के दौरान अपने ‘विशेष दूत’ को इजरायल भेजा था, ताकि रमजान में संघर्ष विराम लागू किया जा सके।
इंडिया टुडे/आजतक को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, “अभी रमजान का महीना था। तब अपने विशेष दूत को इजरायल भेजा। इजरायल के पीएम और राष्ट्रपति सबसे मिलना था। मैंने कहा कि इन्हें समझाइए कि कम से कम रमजान में गाजा में बम न गिराएँ और उन्होंने इसका पालन करने का भरपूर प्रयास किया।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “मित्र भारत के अनुरोध को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू मान गए और उन्होंने संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी। यहाँ तो मुझे आप मुस्लिमों को लेकर घेर लेते हैं, लेकिन मोदी ने गाजा में रमजान के महीने में बम हमले को रुकवाया। हालाँकि, मैं इसकी पब्लिशिटी नहीं करता हूँ।”
पीएम मोदी जिस विशेष दूत की बात कर रहे हैं, वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल हैं। अजीत डोवाल ने रमजान से ठीक पहले 11 मार्च 2024 को इजरायल की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी और उनसे क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की थी।
इसके साथ ही अजीत डोवाल ने गाजा में मानवीय सहायता की तत्काल जरूरत पर जोर दिया था और इसे पूरा करने के लिए अनुरोध किया था। गाजा में उन दिनों खाद्यान की भारी कमी हो गई थी। इजरायल के पीएम ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके कहा भी था कि उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात की है।
पीएम मोदी इस दौरान यूएई, कतर, सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन के नेताओं के साथ भी संपर्क में थे। इजरायल-हमास युद्ध से पहले पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी पुतिन और जेलेंस्की से बात की थी और कुछ समय के लिए संघर्ष विराम कराया था। संघर्ष विराम के दौरान भारत ने वहाँ फँसे अपने छात्रों को निकाला था। इसकी दुनिया भर में तारीफ हुई थी।
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा कि विपक्ष की पिछली सरकारें धर्मनिरपेक्ष होने का ढोंग रचती थीं। उन्होंने कहा, “हमारे यहाँ पहले यह फैशन था कि इजरायल जाओ, फिलिस्तीन जाओ और सेक्यूलरिज्म का फैशन करके वापस आ जाओ। मैंने कहा कि मुझे ऐसा कुछ नहीं करना है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “मैंने निर्णय लिया कि मैं सीधे इजरायल जाऊँगा, सीधे वापस आऊँगा। मुझे ये ढोंग करने की जरूरत नहीं है। और मैं इजरायल गया भी। मैंने कहा कि अगर मैं फिलिस्तीन जाऊँगा तो मेरी वो यात्रा बस फिलिस्तीन की ही यात्रा होगी।”
पीएम मोदी ने कहा, “मजे की बात देखिए। जब मैं फिलिस्तीन गया तो बात आई कि इससे आगे हेलिकॉप्टर से जाना होगा। जॉर्डन के राष्ट्रपति जी को पता चला कि मैं जॉर्डन से होकर फिलिस्तीन जाने वाला हूँ तो वो जॉर्डन के प्रधानमंत्री मोहम्मद साहब के सीधे वारिस हैं, उन्होंने कहा कि मोदीजी आप ऐसे नहीं जा सकते, आप मेरे मेहमान हैं। मेरे ही हेलिकॉप्टर में आप जाएँगे। मेरे घर खाना खाकर जाएँगे।”
अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने आगे कहा, “मैं उनके घर गया। वहाँ खाना खाया। मैं जॉर्डन के हेलिकॉप्टर से फिलिस्तीन जा रहा था तो इजरायल हमें हवा में सुरक्षा दे रहा था। इन तीनों देशों की दुनिया अलग है, लेकिन मोदी के लिए आसमान में सब साथ थे।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं मानता हूँ ये सब तब होता है जब आपके इरादे नेक हों। आपके प्रति विश्वास हो। मैं चोरी छिपे या अमेरिका को कुछ बताकर नहीं करता। मुझे उससे कुछ पूछना नहीं होता है। रूस से अगर मेरे देश को सस्ता पेट्रोल चाहिए तो मैं लूँगा। मैं छिपाता नहीं हूँ और अपनी शर्तों पर देश को चलाता हूँ।”