संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। गुरुवार (23 फरवरी 2023) को अपने ‘जवाब के अधिकार’ का इस्तेमाल करते हुए भारत ने इस्लामाबाद को आतंकियों की सेफ पनाहगार बताया। इस दौरान पाकिस्तान को अपने ट्रैक रिकॉर्ड पर भी गौर करने की सलाह दी गई। भारत की तरफ से प्रतीक माथुर ने पाकिस्तानी समकक्ष को शांति से रहने की नसीहत दी। वहीं रूस-यूक्रेन मुद्दे पर अपना पुराना स्टैंड कायम रखा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन में शांति कायम पर चर्चा हो रही थी कि तभी पाकिस्तान ने वहाँ कश्मीर रोना शुरू कर दिया। इसी हरकत के बाद भारत ने उसे लताड़ा। भारत के प्रतिनिधि प्रतीक माथुर ने पाकिस्तान की हरकत को गैरजरूरी उकसावा बताया। उन्होंने कहा कि UNGA में 2 दिनों की चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य इस बात कर राजी हैं कि भारत और पाकिस्तान को कलह और संघर्ष का रास्ता छोड़ कर शांति से रहना चाहिए। पाकिस्तानी सदस्य के तमाम आरोपों पर जवाब देते हुए प्रतीक माथुर ने सलाह दी कि वो इतिहास में भारत की तरफ से राइट टू रिप्लाई में दिए गए जवाबों को फिर से देख लें।
भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान को यह जवाब UNGA के ग्यारहवें आपातकालीन विशेष सत्र में दिया। अपने इसी बयान में प्रतीक ने पाकिस्तान को अपना ट्रैक रिकॉर्ड भी देखने की सलाह दी। बताते चलें कि भारत ने साल 2021-22 में अपने देश के 5 मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट बनाई थी। इस लिस्ट में लश्कर आतंकी अब्दुल रहमान मक्की, शाहिद महमूद, साजिद मीर और तल्हा सईद के अलावा जैश आतंकी अब्दुल रऊफ असगर के नाम थे। पाकिस्तान पर इन सभी आतंकियों को न सिर्फ पनाह बल्कि मदद देने का भी आरोप है।
इन सभी आतंकियों को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए 14 देश भारत के प्रस्ताव से सहमत थे। सिर्फ एक देश चीन ने इस मामले में पाकिस्तान की पैरवी करते हुए अड़ंगा डाल दिया था। जबकि अमेरिका के विदेश विभाग के मुताबिक भारत की लिस्ट में शामिल आतंकी मक्की को साल 2020 में खुद पाकिस्तान की एक अदालत आतंकवाद के मामले में दोषी ठहरा कर जेल भेज चुकी थी।
यूक्रेन-रूस विवाद से खुद को रखा दूर
वहीं UNGA में ही रूस-यूक्रेन युद्ध पर लाए गए प्रस्ताव की वोटिंग से भारत ने खुद को अलग कर लिया है। भारत के साथ 32 अन्य देशों ने भी इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया जिसमें चीन भी शामिल है। इस प्रस्ताव की हेडिंग यूक्रेन में स्थाई और न्यायसंगत शांति थी। भारत ने प्रस्ताव से दूरी बनाते हुए सवाल किया कि क्या एक साल बाद दुनिया रूस-यूक्रेन विवाद के समाधान के आस-पास भी कहीं मौजूद है। वोटिंग के बाद कुल 193 सदस्यों में इस प्रस्ताव के समर्थन में 141 और विरोध में 7 वोट पड़े।