बीबीसी ने साल 2016 में अपने कार्यक्रम न्यूजलाइट में एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई थी, जिसमें एक सीरियन परिवार को पीड़ित दिखाते हुए उनके ब्रिटेन पहुँचने की 11 महीने की कड़ी यात्रा को दिखाया गया था। उन पर बाद में रेप और टॉर्चर जैसे दोष साबित हुए और जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन बीबीसी लगातार अपनी बेशर्मी दिखाता रहा और ‘सीरियन ग्रूमिंग गैंग’ को मासूम बताता रहा। यही नहीं, उसके पीड़ित 13 साल की बच्ची को ही सेक्स के मामले में ‘अनुभवी’ और ‘नस्लभेदी’ बता डाला। जिसके बाद अब लोगों का गुस्सा बीबीसी पर उतर रहा है।
इस सीरियन ग्रूमिंग गैंग को न्यूकैसल ग्रूमिंग गैंग का नाम दिया जा रहा है, जिसकी अगुवाई मोहम्मद उमर (Md Omer) और मोहम्मद बदरेद्दीन कर रहे थे। इन्हें कोर्ट ने कुल 38 साल 6 महीने की सजा सुनाई है। उन्होंने 13 साल की लड़की का अगस्त 2018 से अप्रैल 2019 के बीच अनगिनत बार रेप किया और मुँह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने कहा कि इस गैंग ने उसकी जिंदगी को नर्क बना दिया था। कोर्ट ने मोहम्मद बदरेद्दीन को 6 बार रेप और एक बार हिंसा के लिए 13 साल की कैद की सजा सुनाई है। बदरेद्दीन की उम्र अब 23 साल हो चुकी है, तो उसके भाई उमर को 5 बार रेप और धमकाने के मामले में 18 साल की कैद की सजा सुनाई है।
इस मामले में ग्रूमिंग गैंग के हुजेफा अलेबाउद (23) को रेप के तीन मामलों और यौन हिंसा से जुड़े एक मामले में साढ़े 5 साल की सजा सुनाई गई है, तो हामौद अल सोएमी(21) को तीन यौन हिंसा के मामले में 2 साल की सजा और 180 घंटों की सामुदायिक सेवा की सजा सुनाई सुनाई गई है।
पीड़ित ने बताई आपबीती, सिहर गए लोग
पीड़ित बच्ची ने बताया कि सीरियाई लोगों ने उसे टॉर्चर किया। उसे जब चाहा, तब बुलाया और उसके साथ रेप किया। उन्होंने उसकी जिंदगी को नर्क बना दिया। बदरेद्दीन ने कम से कम 7 बार उसका रेप किया और जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं, उसे धमकाया गया कि अगर बुलाने पर वो नहीं आएगी, तो उसे उठाकर दूसरे देश ले जाएँगे। वहीं, बदरेद्दीन ने अपने बचाव में कहा कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है। लड़की सीरियाई लोगों ने से नफरत करती है, इसलिए उस पर ये आरोप लगाए गए। हालाँकि तमाम बयानों, सबूतों के आधार पर अब उन्हें दोषी ठहराया जा चुका है।
बीबीसी ने हर बार किया बेशर्मी से बचाव
डॉक्यूमेंट्री के वॉयसओवर सेगमेंट के दौरान यह दावा किया गया था, ‘सीरियाई अपराधी कई मायनों में उस लड़की की तुलना में कम ‘यौन अनुभवी’ दिखाई देते हैं जिनके बारे में माना जाता था कि उन पर हमला किया गया था।’ बीबीसी ने इन सीरियाईयों के पक्ष में ये कहकर भी इनका बचाव किया कि इन लोगों को अंग्रेजी नहीं आती, इसलिए ब्रिटेन के अधिकारियों ने इनके गलत बयान दर्ज किए, ताकि इन्हें ‘फ्रेम’ किया जा सके। बीबीसी पर कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद और पूर्व मंत्री नील ओ’ब्रायन ने हमला बोला, उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को खराब बताया और यौन अपराधियों को बचाने की कोशिश करने के लिए निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बीबीसी को माफी माँगनी चाहिए, लेकिन बेशर्म बीबीसी ऐसा करता दिख नहीं रहा।
बीबीसी ने इस मामले में इस परिवार पर बनाई अपनी डॉक्यूमेंट्री का ये कहकर बचाव किया कि उस समय उन लोगों पर कोई आरोप नहीं थे। बाद में बदरेद्दीन और उमर पर यौन अपराधों के लिए मुकदमा चलाया गया औऱ उन्हें दोषी पाया गया।