बुधवार (7 अक्टूबर 2020) को ताइवान और चीन के बीच शब्दों की लड़ाई छिड़ गई। दरअसल, दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्हें ‘वन चाइना’ नीति का अनुसरण करना चाहिए। 10 अक्टूबर को ताइवान का राष्ट्रीय दिवस है, इस मौके से कुछ दिन पहले दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया से कहा कि वह ताइवान को एक अलग ‘देश’ नहीं कहें।
अपने पत्र में चीनी दूतावास ने लिखा, “हम मीडिया साथियों (भारतीय) को एक बात याद दिलाना चाहते हैं कि पूरी दुनिया में केवल एक ही चीन है। चीनी गणतंत्र के लोगों की सरकार पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र वैधानिक संस्था (सरकार) है।” इसके बाद चीन ने अपने पत्र में लिखा कि हम इस बात की आशा करते हैं कि जहाँ तक ताइवान का सवाल है भारतीय मीडिया, भारत सरकार के मत पर बनी रहेगी। साथ ही ‘वन चाइना’ के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करेगी। ताइवान को राष्ट्र (देश), चीनी गणतंत्र (रिपब्लिक ऑफ़ चाइना) या चीन स्थित ताइवान के किसी नेता को राष्ट्रपति के तौर पर प्रचारित नहीं किया जाए। इससे आम लोगों के बीच गलत संदेश जाता है, ऐसा नहीं होना चाहिए।”
#BREAKING: Chinese Embassy, New Delhi issues diktat letter to Indian media about reporting the National Day of Taiwan on Oct 10th. Says, ‘Taiwan is inalienable part of China’s territory.’ Is this an indirect threat to Indian media who cover Taiwan? @MOFA_Taiwan @digidiploTaiwan pic.twitter.com/vPLRZhVuTR
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 7, 2020
पत्र के अगले हिस्से में चीनी दूतावास ने लिखा, “ताइवान चीन का एक अभिन्न अंग है। दुनिया के जितने भी देशों के चीन के साथ कूटनीतिक सम्बंध हैं उन्हें चीन की ‘वन चाइना पालिसी’ के प्रति समर्पित होकर सम्मान करना चाहिए। भारत सरकार का खुद इस मुद्दे पर पिछले कई वर्षों से यही नज़रिया रहा है।”
दरअसल, ताइवान के व्यापार कार्यालय (ट्रेड ऑफिस) ने भारत के समाचार पत्रों में अपने राष्ट्रीय दिवस (10 अक्टूबर) का पूरे पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित करवाया था। इसके बाद चीन की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई थी। विज्ञापन में ताइवान के राष्ट्रपति त्साइ इंग वेन की तस्वीर लगी थी और उसके साथ कैप्शन लिखा हुआ था, “Taiwan and India are natural partners (चीन और भारत स्वाभाविक सहयोगी हैं)।”
चीन द्वारा यह निर्देश जारी किए जाने के बाद ताइवान ने भी अपनी तरफ से प्रतिक्रिया जारी की। बुधवार को ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ़ वू ने कहा कि वह आशा करते हैं कि भारतीय मीडिया चीन को एक जवाब देगी, “Get Lost” (दफ़ा हो जाओ)। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने पूरे जवाब में लिखा, “भारत पूरे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जहाँ की प्रेस – मीडिया और आम लोग स्वच्छंद अभिव्यक्ति पसंद लोग हैं। ऐसा लगता है कि वामपंथी चीन सेंसरशिप थोप कर महाद्वीप में दखल देना चाहता है।”
#India🇮🇳 is the largest democracy on Earth with a vibrant press & freedom-loving people. But it looks like communist #China is hoping to march into the subcontinent by imposing censorship. #Taiwan‘s🇹🇼 Indian friends will have one reply: GET LOST! JW https://t.co/XxkSSxj5ms
— 外交部 Ministry of Foreign Affairs, ROC (Taiwan) 🇹🇼 (@MOFA_Taiwan) October 7, 2020
इसके बाद ताईवानी सांसद वांग टिंग यंग ने चीनी दूतावास की इस हरकत पर उसकी आलोचना की। उन्होंने लिखा, “इस बारे में गलती करने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह दुनिया में ताइवान की यथास्थिति से सम्बंधित विषय नहीं है बल्कि यह चीन का प्रेस की अभिव्यक्ति पर सार्वजनिक हमले का विषय है। जब प्रेस की स्वतंत्रता खतरे में होती है तब हर तरह की आज़ादी पर ख़तरा होता है।”
Make no mistake, this isn’t about Taiwan’s status in the world. It’s about China’s open assault on press freedom. When free press is in jeopardy, all other freedoms are under attack. https://t.co/lkoUAJ0adS
— 王定宇 Wang Ting-yu MP 🇹🇼 (@MPWangTingyu) October 8, 2020
चीन का राष्ट्रीय दिवस या समानांतर रूप से मनाया जाने वाला ताइवान का राष्ट्रीय दिवस 10 अक्टूबर को आयोजित होता है। यह वूचैंग (wuchang) के उभरने और चीन के किंग (Qing) साम्राज्य की समाप्ति का प्रतीक है, इसके बाद ही देश (ताइवान) का गठन हुआ था।