पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित खुर्रम में आंतकी हमला हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंंगलवार (13 जुलाई 2021) को आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सेना पर हमला बोला दिया है। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के कैप्टन अब्दुल बासित समेत 11 जवानों की मौत हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह दावा किया जा रहा है कि इस हमले में कई जवान घायल हो गए हैं और कुछ जवानों को आतंकवादियों ने अगवा भी कर लिया है। वहीं, आतंकी हाफिज दौलत खान ने 6 टेलीकॉम ऑपरेटर्स को बंधक भी बना लिया है। इस हमले के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार माना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि TTP के आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना द्वारा खुर्रम इलाके में ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इस मिशन को कैप्टन अब्दुल बासित खान लीड कर रहे थे। इस दौरान इन आतंकियों ने पाकिस्तानी सेना पर हमला कर दिया। ये हमला हंगू क्षेत्र में हुआ है।
पाकिस्तान में TTP आतंकी संगठन की शुरुआत दिसंबर 2007 में 13 आतंकी गुटों ने मिलकर की थी। इनका मकसद पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी शासन कायम करना है।
गौरतलब है कि आतंकियों को संरक्षण देने के लिए पाकिस्तान विख्यात है। हाल ही में तालिबान को पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने समर्थन देना शुरू कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों को खबर मिली है कि अमेरिका के साथ शांति समझौते का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैय्यबा (LeT) और जमात-उल-दावा के आतंकियों को अफगानिस्तान में तालिबान के साथ लड़ने के लिए भेजा है।
ये आतंकी अफगानिस्तान के ज्यादा से ज्यादा इलाके पर कब्ज़ा दिलाने में तालिबान की मदद कर रहे हैं। अफगानिस्तान की सरकार को कभी भी किनारे किया जा सकता है और आशंका है कि वो दिन दूर नहीं, जब अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण इलाकों पर भी तालिबान का ही कब्ज़ा होगा। पूर्वी अफगानिस्तान में स्थित कोनार और नंगहर के अलावा दक्षिण-पश्चिमी भाग के हेलमंड और कंधार में पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं।