Sunday, December 22, 2024
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भारतीय उच्चायोग के 2 कर्मचारियों का पाकिस्तान में अपहरण, ISI का हाथ: मीडिया रिपोर्ट

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 2 स्टाफ ड्यूटी पर बाहर गए थे, लेकिन वे अपने निश्चित स्थान तक नहीं पहुँचे। ऐसे में पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि कहीं उनका अपहरण तो नहीं कर लिया गया है। दोनों ही स्टाफ की तलाश जारी है।

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आज (जून 15, 2020) सुबह भारतीय उच्चायोग के 2 जूनियर अधिकारी लापता हो गए। अब इनकी तलाश की जा रही है। भारत ने अधिकारियों के लापता होने का मुद्दा पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाया है। लेकिन, पाकिस्तान की ओर से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है।

ताजा जानकारी के अनुसार (TimesNow के इंटरनल सिक्यॉरिटी एडिटर निकुंज गर्ग के अनुसार) दोनों ही जूनियर अधिकारियों का अपहरण ISI के द्वारा किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 2 ड्राइवर ड्यूटी पर बाहर गए थे, लेकिन वे अपने निश्चित स्थान तक नहीं पहुँचे हैं। ऐसे में पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि कहीं उनका अपहरण तो नहीं कर लिया गया है। दोनों ही ड्राइवरों की तलाश जारी है।

गौरतलब है इससे पहले भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के 2 वीजा सहायकों को हिरासत में लिया था। इन पर भारतीय सुरक्षा तैयारियों सहित आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं की जासूसी करने का आरोप था। पाकिस्तान के इन दोनों अफसरों को भारत ने पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया था और वापस पाकिस्तान भेज दिया था।

इस घटना के बाद से ही इस्लामाबाद में काम कर रहे भारतीय राजनयिकों और दूसरे स्टाफ सदस्यों के लिए हालात मुश्किल और खतरनाक होने की आशंका पैदा हो गई थी। इस बीच भारत की कोशिश रही थी कि वहाँ काम कर रहे भारतीयों के लिए कोई परेशानी खड़ी न हो। 

यहाँ याद दिला दें कि इस घटना से पहले इस्लामाबाद में भारत के एक राजनयिक को डराने का मामला सामने आया था। खबर थी कि एक ISI एजेंट ने भारतीय राजनयिक का पीछा किया, उनकी जासूसी की। जिसके बाद भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था और अपनी शिकायत दर्ज कराई।

सरकार ने पाकिस्तान को नोट लिखकर उसे चेतावनी दी कि उसका यह रवैया विएना कन्वेन्शन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशन्स, 1961 और बाइलेटरल 1992 कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है, जो दोनों देशों ने राजनयिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए साइन किए थे। भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि भारतीय उच्चायोग और उसके स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें विएना कन्वेन्शन के मुताबिक काम जारी रखने की इजाजत दी जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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