चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार लगातार जारी है। हाल में, चीनी प्रशासन ने उइगरों के ख़िलाफ़ अपनी कार्रवाई में उनके मजहबी स्थल को होटल में तब्दील करने का मन बनाया है। होटन प्रांत में स्थित मस्जिद, जिसे 2018 में नष्ट किया गया था, उसे पहले हिल्टन प्लॉन का नाम दिया गया था। मगर, अब इस परियोजना का नाम ‘हैप्टन इन होटल’ हो गया है।
अलजजीरा की रिपोर्ट् के अनुसार, चीनी प्रशासन की ऐसी मनमानियों को देखते हुए 40 से ज्यादा मुस्लिम-अमेरिकी सिविल राइट संगठनों के समूह ‘काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स’ S(CAIR) ने इसका विरोध किया था। इस बाबत उन्होंने ग्लोबल बॉयकॉट का आह्वान भी किया था। संगठन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निहाद अवाद ने कहा था कि उन्हें प्रस्तावित किए गए इस प्रोजेक्ट के बारे में जून में पता चला था। उनके मुताबिक ये प्रोजेक्ट मानवाधिकारों का उल्लंघन है जो उइगरों के विश्वास और आस्था के दमन में भागीदार होगा।
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— CAIR National (@CAIRNational) September 16, 2021
वर्जीनिया में हिल्टन मुख्यालय के सामने आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, संगठन ने कहा था कि वे होटल समूह के साथ ‘अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत’ कर रहे थे कि निर्माण योजना को रद्द किया जाए। हालाँकि, इस वार्ता का कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने हिल्टन के ख़िलाफ़ ग्लोबल बॉयकॉट का आह्वान किया।
बता दें कि एक ओर चीन में उइगर मुस्लिमों का होता दमन पिछले 2-3 साल से चर्चा में बना हुआ है। उनकी संस्कृति, सभ्यता, मजहबी रिवाज, तौर-तरीके, घर की बनावट, साज-सजावट का तरीका सब बदला जा रहा है। इसके अलावा डिटेंशन कैंप में रख कर महिलाओं के साथ रेप, अबॉर्शन समेत तमाम अमानवीयता की जा रही हैं। इमाम और मौलवियों को कैद में रखा जा रहा है।
दूसरी ओर चीन इन सभी दावों को खारिज करता रहता है। उसका कहना है कि उन्होंने कोई मजहबी स्थल जबरन गिराया ही नहीं, जबकि मीडिया खबरें बताती हैं कि 2017 से 2020 के बीच में शिनजियांग के 900 क्षेत्रों में करीब 16000 मस्जिदें या तो आधी या फिर पूरी ध्वस्त हुई हैं। मीनारों को मस्जिद से हटा दिया गया है। रॉयटर्स समाचार एजेंसी की मानें तो हाल ऐसा है कि जब उनका पत्रकार रमजान के माह में उइगर गया तो उसने भी मस्जिदों को या तो पूरा गिरा हुआ या फिर आधा ध्वस्त पाया।