सरकारी बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले भगौड़े विजय माल्या को लंदन हाईकोर्ट ने सोमवार (26 जुलाई 2021) को दिवालिया घोषित कर दिया। लंदन हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद भारतीय बैंक माल्या की संपत्तियों पर आसानी से कब्जा कर सकेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माल्या के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक संघ ने ब्रिटिश कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए ऋण की वसूली के लिए माल्या को दिवालिया घोषित करने की माँग की गई थी।
लंदन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए माल्या के पास अभी एक मौका बाकी है। बताया जा रहा है कि माल्या का वकील जल्द ही इस फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दाखिल कर सकता है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शनिवार (24 जुलाई) को कहा था कि माल्या के खिलाफ भारत ने एक मजबूत मामला बनाया है और ब्रिटेन के अधिकारियों ने उसके प्रत्यर्पण के संबंध में सर्वोत्तम आश्वासन दिया है।
विदेश सचिव ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण में देरी से जुड़े सवाल पर कहा था, ”हमें बताया गया है कि इस मामले पर प्रक्रिया जारी है और ब्रिटिश पक्ष उसके (माल्या) के प्रत्यर्पण को लेकर कार्य कर रहा है।” उन्होंने कहा था कि भारत में आर्थिक अपराधों में वांछित माल्या के पास देश का काफी धन है, जिसे उसे लौटाना होगा।
बता दें कि जुलाई में ही विजय माल्या को कर्ज देने वाले बैंकों ने उसके शेयर बेचकर 792.12 करोड़ रुपए हासिल किए थे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्शियम की तरफ से डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल ने माल्या के शेयर बेचे गए थे। ईडी ने तीनों भगोड़ों के शेयर जब्त कर एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को हैंडओवर किए थे। इससे बैंकों का हजारों करोड़ रुपए लेकर विदेश फरार होने वाले विजय माल्या को तगड़ा झटका लगा है।