यूनाइटेड किंगडम (यूके) की द वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने 3 खालिस्तान समर्थकों को गिरफ्तार किया है, यह तीनों 2009 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रुल्दा सिंह की हत्या के मामले में आरोपित हैं। तीनों आरोपित यूके के ही नागरिक हैं, इनकी पहचान गुरशरणबीर सिंह वहीवाला, अमृतबीर सिंह वहीवाला और प्यारा सिंह गिल के रूप में हुई है।
वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण वारंट (extradition warrants) जारी होने के बाद इन तीनों की गिरफ्तारी 21 दिसंबर को हुई थी। वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किए जाने के बाद इन्हें कड़े दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
रुल्दा सिंह की हत्या
रुल्दा सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन राष्ट्रीय सिख संगत से जुड़े हुए थे। 2009 के दौरान पटियाला में उनकी हत्या की गई थी, वह एक दुकान के सामने खड़े थे तभी उन पर हत्यारों ने गोली चला दी थी। दूसरे देशों के दौरे पर वह वहाँ रहने वाले सिख समुदाय के लोगों से भारत वापस आने का निवेदन करते थे।
रुल्दा सिंह की हत्या के लिए आरोपित आया था भारत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना पर बताया था कि गुरशरणबीर सिंह वहीवाला और प्यारा सिंह गिल रुल्दा सिंह की हत्या करने के लिए भारत आए थे। गुरशरणबीर अपने भाई अमृतबीर सिंह वहीवाला के पासपोर्ट पर भारत आया था। 2009 में पुलिस ने इस मामले से जुड़े कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया था। पंजाब पुलिस ने जुलाई 2010 के दौरान इस हत्या की घटना से जुड़ी जानकारी वेस्टमिडलैंड्स पुलिस से साझा की थी, जिसके बाद गुरशरणबीर सिंह को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था। इसके बाद दिसंबर 2010 में यूके पुलिस की एक टीम मामले के अन्य आरोपितों से पूछताछ के लिए पटियाला आई थी जो उस वक्त नाभा जेल में कैद थे।
फरवरी 2015 में पटियाला कोर्ट ने गुरशरणबीर सिंह वहीवाला को अपराधी घोषित किया था। इस मामले में 5 अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन सबूतों के अभाव के चलते पटियाला कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया था।
एनआईए की जाँच में सामने आया खालिस्तान और गुरशरणबीर सिंह का संबंध
गुरशरणबीर सिंह वहीवाला 2016-2017 के बीच हुई सिलसिलेवार हत्याओं का मुख्य साज़िशकर्ता था जिसमें आरएसएस नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा (सेवानिवृत्त) का नाम भी शामिल था। वह खालिस्तानी लिबरेशन फ़ोर्स के मुखिया हरमिंदर सिंह मिंटू का सहयोगी भी था जिसकी 2018 के दौरान पंजाब की जेल में मृत्यु हो गई थी। मिंटू पर हत्या के अलावा ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों के भी आरोप थे। गुरशरणबीर सिंह ब्रिटिश नागरिक जगतार सिंह जोहाल का भी करीबी माना जाता है जिस पर सिलसिलेवार हत्याओं का आरोप है। सितंबर 2018 में वेस्टमिडलैंड काउंटर टेररिज्म यूनिट ने गुरशरणबीर सिंह के घर पर छापा मारा था।
आरएसएस नेता ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या के आरोप में एनआईए ने चार्जशीट दायर की थी जिसमें 11 आरोपितों का नाम शामिल किया गया था। अगस्त 2016 के दौरान जालंधर में हत्यारों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी। एनआईए की चार्जशीट में गुरशरणबीर सिंह और जगतार सिंह जोहाल का नाम मौजूद है।