Sunday, November 17, 2024
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‘किसान’ आन्दोलन को भारत-पाक का आपसी मामला बताने वाले बोरिस जॉनसन होंगे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि, स्वीकारा निमंत्रण

जॉनसन को यह निमंत्रण स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था। 1993 में जॉन मेजर के बाद जॉनसन इस कार्यक्रम में भाग लेने के वाले ब्रिटेन के दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। इस निमंत्रण को स्वीकार करने के साथ ही बोरिस जॉनसन ने भारत को अगले वर्ष यूके के G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। जॉनसन को यह निमंत्रण स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था। 1993 में जॉन मेजर के बाद जॉनसन इस कार्यक्रम में भाग लेने के वाले ब्रिटेन के दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। इस निमंत्रण को स्वीकार करने के साथ ही बोरिस जॉनसन ने भारत को अगले वर्ष यूके के G-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

यह जानकारी ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने दी है। भारत यात्रा पर आए ब्रिटिश विदेश मंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर जॉनसन भारत आएँगे। रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम मोदी ने 27 नवंबर को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान जॉनसन को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया था। इसके बाद कथित तौर पर पीएम को जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसका आयोजन अगले साल ब्रिटेन में होगा।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की यह प्रस्तावित यात्रा ब्रेक्जिट के मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। साथ ही ब्रिटेन भारत जैसी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

गौरतलब है कि पिछले माह ही भारत ने ब्रिटेन के साथ ‘ब्रेक्जिट एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप’ की दिशा में प्रगति की समीक्षा करने के लिए वर्चुअल मीटिंग की थी, जिससे भविष्य में ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ हो सकता है। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार संबंधों के में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की।

बोरिस जॉनसन ने हाल ही में किसान आंदोलनों को बता दिया था भारत-पाक का आपसी मामला

उल्लेखनीय है कि हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद में भारत के किसान मुद्दे पर लेबर पार्टी के सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा बता दिया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को कोई भी विवाद द्विपक्षीय रूप से निपटाना चाहिए। उनका यह बयान लोगों के बीच बहस का विषय भी बन गया था।

कुछ लोगों ने अनुमान लगाए कि शायद बोरिस जॉनसन को इस विषय की जानकारी नहीं थी या फिर वह कन्फ्यूज हो गए। मगर वास्तविकता क्या है, यह सिर्फ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ही जानते होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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