Sunday, November 17, 2024
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UNSC में भारत की पक्की सदस्यता को UK का समर्थन, फ्रांस-अमेरिका-रूस पहले ही कह चुके शामिल करने की बात: चीन लगाता रहा है अड़ंगा

UNSC के महत्व के चलते भारत इसकी सदस्यता चाहता है। चीन UNSC के भीतर भारत को घुसने नहीं देना चाहता। चीन को लगता है कि यदि भारत UNSC का सदस्य बन गया तो एशिया में उसके दबदबे पर असर पड़ेगा।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति (UNSC) में भारत की पक्की सदस्यता को ब्रिटेन का समर्थन हासिल हुआ है। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में माँग उठाई है कि भारत को UNSC में जगह दी जाए। ब्रिटेन UNSC का स्थायी सदस्य है। इससे पहले फ्रांस समेत बाकी देश भी भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं।

वर्तमान में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा का अधिवेशन चल रहा है। इसी में ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने अपने संबोधन के दौरान भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मैं UNSC को लेकर आश्चर्य में हूँ। इसको बदलना पड़ेगा। ताकि यह ज्यादा लोगों का प्रतिनिधित्व कर सके। हम यहाँ अफ़्रीकी देशों को स्थायी सदस्य के तौर पर देखना चाहेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी को हम स्थायी सदस्य बनाना चाहेंगे। हम यहाँ के अस्थायी सदस्यों की संख्या भी बढ़ाना चाहेँगे। हम ब्रिटेन के काम करने के तरीके भी बदलेंगे। हम सुनेंगे ज्यादा और बोलेंगे कम ताकि पुरानी परंपरा बदले।”

ब्रिटिश प्रधानमंत्री से पहले फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत का पक्ष लिया। उन्होंने कहा, “जब तक UNSC सदस्य देशों के निजी हितों की वजह से अटकी रहेगी, तब तक आगे बढ़ना मुश्किल होगा। क्या इससे बढ़िया को व्यवस्था है, हमें ये नहीं मालूम। ऐसे में UN को हो अधिक प्रभावी बनाते हैं। इसके लिए हमें इसमें प्रतिनिधित्व बढ़ाना पड़ेगा।”

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इसके बाद कहा, “फ्रांस UNSC के विस्तार का समर्थन करता है। जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील इसके स्थायी सदस्य होने चाहिए। इसी के साथ अफ्रीका के दो देश भी महाद्वीप के प्रतिनिधित्व के लिए होने चाहिए।”

ब्रिटिश और फ्रांसीसी नेताओं के अलावा चिली और पुर्तगाल के राष्ट्रध्यक्षों ने भी भारत को UNSC में स्थायी सदस्यता देने का समर्थन UNGA की 2024 की बैठक में किया है। भारत के स्थायी सदस्य बनने का समर्थन अमेरिका और रूस भी करता आया है।

UNSC क्या है, क्यों भारत चाहता है इसकी सदस्यता?

संयुक्त राष्ट्र की कई अलग-अलग शाखाएँ हैं। UNSC भी उनमें से एक है लेकिन यह सबसे महवपूर्ण मानी जाती है। UNSC का जिम्मा विश्व में शांति और सुरक्षा बनाए रखना है। UNSC दुनिया भर में हो रही भूराजनीतिक गतिविधियों पर बड़े फैसले लेती है। इसमें 15 सदस्य होते हैं। इनमें से 5 सदस्य- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन स्थायी सदस्य हैं। बाकी 10 सदस्यों अस्थायी तौर पर शामिल किए जाते हैं। UNSC में कोई भी निर्णय पाँचों सदस्यों की सहमति के बिना नहीं हो सकता।

UNSC के महत्व के चलते भारत इसकी सदस्यता चाहता है। चीन UNSC के भीतर भारत को घुसने नहीं देना चाहता है। चीन को लगता है कि यदि भारत UNSC का सदस्य बन गया तो एशिया में उसके दबदबे पर असर पड़ेगा। वर्तमान में UNSC में एशिया से मात्र चीन ही इसका सदस्य है। इसमें अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी महाद्वीप का कोई भी प्रतिनिधित्व नहीं है।

भारत लगातार माँग करता आया है कि उसे UNSC में जगह दी जाए। भारत का कहना है कि वह वर्तमान में विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, ऐसे में उसे महत्त्वपूर्ण UNSC से बाहर रखना UN के प्रभाव को ही कम कर रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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