यूक्रेन-रूस जंग के बीच एक चौंकाने वाली खबर यूक्रेन की न्यूज एजेंसी उक्रप्रावदा ने दी है। एजेंसी ने बताया कि यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने अपने ही देश के एक वार्ताकार को मौत के घाट उतार दिया। इस वार्ताकार की पहचान डेनिस किरीव के तौर पर हुई। उन्हें यूक्रेन के सुरक्षाबलों ने संदेह में मारा। वह रूस के साथ हुई दो दौर की बातचीत में हिस्सा बने थे। यूक्रेनी सेना के अनुसार, उनके पास डेनिस के ख़िलाफ़ पुख्ता सबूत थे कि उन्होंने रूस को देश से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। न्यूज एजेंसी की इस खबर की यूक्रेनी सांसद वेरखोवा रादा ने भी पुष्टि की है।
युद्ध में मारे गए यूक्रेन के फाइटर कैप्टेन
बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच 10 दिन से युद्ध चल रहा है जिसमें भारी तबाही मत चुकी है। आज तमाम खबरों के बीच जानकारी आई कि रूस की ओर से दो शहरों मारियुपोल और वोल्नोवाखा में सीजफायर का ऐलान किया गया लेकिन बाद में पता चला कि सीजफायर के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। फिलहाल, यूक्रेन के हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। वहीं युद्ध में यूक्रेन के फाइटर कप्तान Chybineiev के मारे जाने की खबर है।
आम नागरिकों को कर रहा है यूक्रेन इस्तेमाल, कइयों की मौत
रूस का जहाँ आरोप है कि यूक्रेन आम नागरिकों को ह्यूमन शील्ड की तरह प्रयोग कर रहा है। वहीं यू्क्रेन का दावा है कि रूस लगातार उन पर कार्रवाई कर रहे हैं। दावा है कि राजधानी कीव के पास बुका शहर में आज कार पर गोलियाँ चलाई गईं जिससे 17 साल की लड़की समेत 2 लोगों की मौत हो गई। ऐसे ही चेर्नीहीव में अब तक हुए हवाई हमलों में 47 लोगों की मौत हुई है। कीव के पास मरखलेवका गाँव है जहाँ रूसी एयर स्ट्राइक में 1 बच्चे समेत 6 लोगों की मौत हो गई।
युद्ध के लिए यूक्रेन लौटे हजारों नागरिक
उल्लेखनीय है कि एक ओर जहाँ यूक्रेन में हालातों के मद्देनजर इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने दावा किया है कि रूस के हमले के बाद अब तक 14 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन को छोड़ा है। वहीं यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने अपने हालिया बयान में दावा किया है कि उनके 66,200 नागरिक रूस से छिड़ी जंग में शामिल होने के लिए विदेश से लौट आए हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया पर रूस हुआ सख्त
रूस-यूक्रेन की लड़ाई के बीच मीडिया पर भी गाज गिरी है। रूसी अधिकारियों का कहना का है कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी देशों जैसे दुश्मनों द्वारा उसके खिलाफ फेक न्यूज फैलाई जा रही है, ताकि रूस के लोगों के बीच अराजकता फैलाई जा सके। इसके साथ ही रूस ने कई विदेशी मीडिया संस्थानों और फेसबुक को प्रतिबंधित कर दिया है। इस लिस्ट में बीबीसी और जर्मनी न्यूज एजेंसी डॉयचे वेले भी शामिल है। इनके अलावा रूस ने ट्विटर और फेसबुक के बाद अब Youtube पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। अब ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब ने रूस की सरकार न्यूज वेबसाइटों की रीच को कम कर दिया था और उन पर दिखने वाले विज्ञापनों को सीमित कर उनकी कमाई को प्रभावित करने की कोशिश की थी।