Sunday, December 22, 2024
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‘तू मरना चाहता है क्या’: अमेरिका में ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा लगा कर यहूदी शख्स को चाकुओं से गोदा, लगातार बढ़ रहे नफरती हमले

स्थानीय यहूदी याकोव बेहरमैन ने इस सूचना दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि वो पीड़ित को जानते हैं। बेहरमैन ने पोस्ट किया कि शब्बत के दौरान, एक युवा अश्वेत पुरुष हमलावर ने यहूदी व्यक्ति से पूछा, "क्या तू मरना चाहता है?" और फिर चाकू घोंप दिया।

अमेरिका में यहूदियों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजे मामले में शनिवार (10 अगस्त 2024) को न्यूयॉर्क शहर में एक युवा यहूदी को चाकुओं से गोद दिया गया। ये हमला चबाड मूवमेंट के हेक्वॉर्टर के बाहर हुआ, जिसमें एक काले मुस्लिम ने ‘फ्री फिलिस्तीन’ का नारा लगाते हुए यहूदी युवक पर चाकुओं से हमला कर दिया। यही नहीं, उसने हमले से पहले उस युवक को ‘तू मरना चाहता है क्या?’ कह कर धमकाया भी।

स्थानीय यहूदी याकोव बेहरमैन ने इस सूचना दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि वो पीड़ित को जानते हैं। बेहरमैन ने पोस्ट किया कि शब्बत के दौरान, एक युवा अश्वेत पुरुष हमलावर ने यहूदी व्यक्ति से पूछा, “क्या तू मरना चाहता है?” और फिर चाकू घोंप दिया। इस हमले में घायल युवक को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसका इलाज जाती है।

इस मामले में स्थानीय लोगों ने हमलावर को दौड़ाकर पकड़ लिया और पुलिस के आने के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया।

बेहरमैन ने पोस्ट किया, “मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आज सुबह करीब 2 बजे क्राउन हाइट्स में ईस्टर्न पार्कवे और किंग्स्टन एवेन्यू के पास, चबाड मुख्यालय के करीब हेट क्राइम के तहत चाकू से हमला हुआ।”

बेहरमैन ने आगे बताया कि, “अपराधी, जो 20 साल की उम्र का एक काला व्यक्ति था, ने “फ़्री फ़िलिस्तीन” का नारा लगाया और पीड़ित के साथ बहस करने के बाद उसे चाकू घोंप दिया।

उन्होंने आगे लिखा, “स्थानीय लोगों ने हमलावर का पीछा किया और उसे तब तक हिरासत में रखा जब तक पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए नहीं आ गई। यह एक बेहद गंभीर घटना है। पीड़ित की हत्या हो सकती थी। हेड क्राइम का ये मामला न्यूयॉर्क और पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ स्थानीय राजनेताओं और नेताओं द्वारा प्रचारित यहूदी विरोधी उकसावे और घृणा के खतरनाक प्रभाव को उजागर करता है।” उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में यहूदी विरोधी बयानबाजी की वजह से पड़ रहे असर को लेकर भी बात की।

बता दें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के आतंकी हमले के बाद से अमेरिका में बहुत सारे यहूदी विरोधी प्रदर्शन और नफरत भरे भाषण देखने को मिले हैं। कई विश्वविद्यालयों में भी फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के बीच यहूदी विरोधी प्रदर्शन हुए हैं ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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