चीन के वुहान शहर से कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ। दुनिया के 150 से अधिक देशों में फैल चुके संक्रमण के कारण अब तक 10,020 लोगों की मौत हो चुकी है। 2,44,683 लोग संक्रमित हैं। संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इस महामारी का कारगर इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। हालॉंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा कोरोना वायरस के पीड़ित के इलाज में भी कारगर है। उन्होंने इसके इस्तेमाल की भी मॅंजूरी दे दी है।
US President Donald Trump touts chloroquine, an old malaria drug, that doctors say may help treat novel coronavirus, claims it will be available “almost immediately”: US Media (file pic) pic.twitter.com/NCiJ8oVQML
— ANI (@ANI) March 19, 2020
ट्रंप ने कहा कि मलेरिया और अर्थराइटिस में इस्तेमाल होने वाली दवा कोरोना वायरस के इलाज में बेहतर साबित हुई है। उनके प्रशासन की तरफ से गठित कोरोना वायरस टास्क फोर्स ने पीड़ितों के इलाज के लिए एंटी मलेरिया ड्रग को मँजूरी दी है। ड्रोक्लोरोक्वीन नामक यह दवा डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए ‘फौरन उपलब्ध’ कराई जाएगी। ट्रंप ने सबसे पहले न्यूयॉर्क में इसका इस्तेमाल किए जाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि मैं सोचता हूँ कि यह बहुत कारगर होगा। यह गेम चेंजर हो सकता है।
इससे पहले इजराइल के वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन बना लेने का दावा किया था। हालाँकि, इस टीके को उपयोग के वास्ते कई परीक्षण करने होंगे जिनमें महीनों लग सकते हैं। दरअसल इस वैक्सीन को प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर विकसित किया गया है। इजराइल के वैज्ञानिकों ने यह भी उम्मीद जताई थी कि इसकी घोषणा जल्द ही की जा सकती है। इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने टीका विकसित करने के लिए सभी संसाधन झोंक देने के लिए कहा था।