खालिस्तानी आतंकी गुरवतपंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में नया मोड़ आ गया है। अमेरिका की जाँच एजेसी FBI ने पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप जिस पूर्व भारतीय अधिकारी विकास यादव के खिलाफ लगाया है, उस पर दिल्ली पुलिस का केस दर्ज है और वह जमानत पर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विकास यादव कोअप्रैल, 2024 में जमानत मिली थी। विकास यादव के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दिसम्बर, 2023 में हत्या की कोशिश और अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला दिल्ली के एक व्यापारी ने दर्ज करवाया था।
दिल्ली के इस व्यापारी ने अपनी शिकायत में कहा था कि विकास यादव से वह एक मित्र के जरिए मिले थे। जिस व्यापारी ने विकास यादव के विरुद्ध यह शिकायत दर्ज करवाई है, वह आईटी सेक्टर का काम करते हैं। व्यापारी विकास यादव के शेयर मध्य एशिया में आईटी का काम लेना चाहता था।
उसे लगता था कि विकास यादव सरकार में कोई बहुत बड़े अधिकारी पद पर है। दोनों के बीच कई बार बातचीत भी हुई थी। व्यापारी का आरोप है कि एक दिन दिल्ली में विकास ने उन्हें मिलने बुलाया और वहाँ से अपने एक साथी के साथ उसका अपहरण कर लिया। इसके बाद एक जगह ले जाकर मारपीट की और उनको लूट लिया।
व्यापारी का आरोप है कि विकास यादव ने खुद को गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का आदमी बताया था और धमकी भी दी थी। व्यापारी की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने विकास यादव को गिरफ्तार किया था। इस मामले में जाँच के बाद विकास यादव को जमानत मिल गई थी।
इससे पहले विकास यादव को FBI ने पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में वांटेड घोषित किया था। FBI ने बताया था कि विकास यादव ने अमेरिका में पन्नू को मरवाने की साजिश रची और इसके लिए सुपारी दी। विकास यादव को पूर्व अर्धसैनिक बताया गया था।
अमेरिका ने पहले CC1 नाम दिया था। भारत ने हाल ही में बताया था कि विकास यादव अब नौकरी से निकाला जा चुका है। विदेश मंत्रालय ने बताया था कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय की इस बात की पुष्टि करते हैं कि विकास यादव अब भारत सरकार के लिए काम नहीं करता हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका ने आरोप लगाया है कि निखिल गुप्ता नाम का एक व्यक्ति अमेरिका में पन्नू को मारने की सुपारी दे रहा था, वह भारत सरकार के एक अधिकारी की शह पर पर काम करता था। अमेरिका ने इसके लिए कुछ सबूत भी जारी किए थे। अमेरिका ने अब यह अधिकारी विकास यादव बताया है।