अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘हुश मनी केस’ में गवाही देते हुए पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने कोर्ट में ऐसी बातें कहीं कि जज को खुद उन्हें बीच में रोकना पड़ा। इस दौरान डेनियल्स ने ट्रंप और उनके बीच बने शारीरिक संबंधों के बारे में खुलकर पूरे कोर्ट को बताया।
डेनियल्स गवाही के दौरान यहाँ तक पहुँच गईं कि उन्होंने ये बताने से भी गुरेज नहीं किया कि ट्रंप ने सेक्स के टाइम कॉन्डोम नहीं पहना था और वो दोनों मिशनरी पोजिशिन में थे। गवाही के समय डेनियल्स ने बताया कि 2006 में जब उनके और ट्रंप के बीच मुलाकात के बाद संबंध बने तब वो सिर्फ 27 की थीं और ट्रंप उनके पिता से भी बड़ी उम्र के थे।
उन्होंने कटघरे में खड़े होकर बताया कि दोनों के बीच सेक्स मनमर्जी से हुआ था और बहुत लाजवाब था। इसके बाद डेनियल्स ने पूरा चित्रण करके समझाया कि उस दिन क्या हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों की मुलाकात साल 2006 में हुई थी। ट्रंप ने एक गोल्फ टूर्नामेंट की मेजबानी के दौरान अपने बॉडीगार्ड से कहकर उन्हें अपने पेंटहाउस में बुलाया था। बॉडीगार्ड ने स्टॉर्मी डेनियल्स से कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप उनके साथ डिनर करना चाहते हैं। हालाँकि जब वो उनके पेंटहाउस में पहुँची, तो डोनाल्ड ट्रंप पायजामे में थे। इसका स्टॉर्मी डेनियल्स ने मजाक भी उड़ाया था।
डेनियल्स ने कोर्ट को बताया, “जब मैंने बाहर आने के लिए बाथरूम का दरवाजा खोला, तो मिस्टर ट्रम्प बेडरूम में आ गए थे। वो सिर्फ बरमूडा और टी-शर्ट में थे और बेड पर इंतजार कर रहे थे। मैं इससे चौंक भी गई थी, क्योंकि मैं सिर्फ डिनर के बारे में जानती थी।” स्टॉर्मी कहती हैं कि कोई अगर अंडरवियर उतारकर आपका बिस्तर पर इंतजार कर रहा है, तो जाहिर है कि उसकी मंशा क्या है।
इसके बाद डेनियल्स ने आगे बिस्तर पर दोनों ने क्या किया उसकी डिटेल देनी शुरू की। लेकिन इससे पहले स्टॉर्मी ने ये साफ किया कि उस दिन दोनों के बीच आपसी मर्जी से हुआ था और सब बहुत लाजवाब था। स्टॉर्मी ने बताया, “उस दिन मेरे शरीर पर कपड़े या जूते नहीं था। मुझे लगता है कि मैंने तब ब्रा पहनी थी और हम मिशनरी पोजिशन (सेक्स की एक पोजिशन जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के ऊपर होता है) में थे। उन्होंने कॉन्डोम भी नहीं पहना था।”
आगे स्टॉर्मी ने ट्रंप को दबंग भी करार दिया और कहा कि वो जब वो जा रही थी तो ट्रंप ने उन्हें हनीबंच कहा और जल्द मिलने का वादा किया।
इस दौरान ट्रम्प ने डेनियल्स की गवाही को बड़े ही ध्यान से सुना। जज जुआन मर्चेन ने बचाव पक्ष की बार-बार आपत्तियों के बाद डेनियल्स को “सिर्फ़ सवालों के जवाब देने” का आदेश दिया, जिनमें से कई को उन्होंने सही ठहराया। हालाँकि इस दौरान कोर्ट ने कहा कि बारीक-जानकारियों की कोई जरूरत नहीं है, जैसे कि कमरे में टाइल का रंग कैसा था।
बता दें कि डेनियल्स का असली नाम स्टेफ़नी क्लिफ़ोर्ड है। ट्रंप पर मामला इसलिए चल रहा है क्योंकि 2016 में चुनावों के वक्त उन्होंने डेनियल्स को करीबन 1.30 लाख डॉलर देकर इन संबंधों का खुलासा न करने के लिए चुप रहने को कहा था। ये पैसे ‘लीगल फीस’ के तौर पर खाते में दिखाए गए थे, जबकि ये पैसे उन्होंने स्टॉर्मी को मुँह बंद रखने के लिए अपने वकील के मार्फत ये पैसे दिए थे। अब ये केस इसलिए चल रहा है कि अगर डेनियल्स को पैसे मुँह बंद रखने के लिए दिए गए थे, तो ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई होगी।