हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar)। एक खालिस्तानी आतंकी। 18 जून 2023 को उसे कनाडा में एक सिख सामुदायिक केंद्र के पास गोली मारी गई थी। नब्बे के दशक में वह फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा में दाखिल हुआ था। आज कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) उसके नाम पर ही बवाल मचा रहे हैं। उसकी हत्या के पीछे भारत का हाथ बताने की कोशिश कर रहे हैं।
निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स का संस्थापक था। वह एक अन्य खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस का सदस्य भी था। इस संगठन की अगुवाई खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू करता है। निज्जर लुधियाना के भरतसिंह पुरा गाँव का रहने वाला था। मौत के समय उसकी उम्र 46 वर्ष थी। खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से भी उसका जुड़ाव था।
निज्जर वर्ष 1996 में भारत से कनाडा एक फर्जी पासपोर्ट के सहारे गया था। यह पासपोर्ट एक हिन्दू नाम ‘रवि शर्मा’ से बना था। कनाडा पहुँचने के बाद उसने राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया। लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया था। राजनीतिक शरण पाने में विफल रहने के बाद उसने कनाडा की एक महिला से शादी की। फिर नागरिकता पाने का प्रयास किया। इस महिला ने ही निज्जर को कनाडा लाने में सहायता की थी। लेकिन उसका यह पैंतरा भी विफल रहा और नागरिकता नहीं मिली।
यह बात ध्यान देने वाली है कि जस्टिन ट्रूडो ने उसे अपने भाषण में कनाडाई नागरिक कहा है जो कि यह दर्शाता है कि उसे बाद में नागरिकता हासिल हो गई होगी। उसने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में प्लंबिंग का काम भी चालू किया था, लेकिन उसकी सम्पत्ति इस बात की तरफ इशारा करती है कि वह अन्य धंधों से भी जुड़ा हुआ था।
निज्जर लगातार कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को हवा दे रहा था और कथित सिख रेफरेंडम करवाने में भी उसका बड़ा रोल था। निज्जर के भारत प्रत्यर्पण के प्रयास लम्बे समय से जारी था। 2018 में जस्टिन ट्रूडो की भारत यात्रा के दौरान पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें ऐसे अपराधियों की एक लिस्ट थमाई थी, जिनकी पंजाब पुलिस को तलाश थी। इसमें निज्जर का नाम भी था।
निज्जर के ऊपर लुधियाना में वर्ष 2007 में बम धमाके करवाने का भी आरोप था। इस बम धमाके में 6 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी, जबकि लगभग 50 व्यक्ति घायल हो गए थे। पंजाब में हुआ यह एक बड़ा हमला था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार पटियाला में हुए एक बम धमाके में उसका नाम इसके साजिशकर्ता के रूप में आया था। बम धमाकों के अलावा उसके ऊपर डेरा सच्चा सौदा, निरंकारी सिख संतों और पंजाब के हिन्दू नेताओं की हत्या करवाने और इसकी साजिश रचने का भी आरोप है।
इसी कड़ी में सिख युवक मंदीप धालीवाल को गिरफ्तार किया गया था। उसे पंजाब में हिन्दू नेताओं की हत्या का जिम्मा दिया गया था। धालीवाल को निज्जर ने ही प्रशिक्षण दिया था। निज्जर ने पंजाब के दलित गुरु बाबा सिंह भैनारा की हत्या की भी साजिश रची थी। वर्ष 2020 में उसने जेल में बंद राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या भी करवाई थी।
मनोहर लाल डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। वह डेरा की पच्चीस सदस्यीय समिति के सदस्य भी थे। अंग्रेजी समाचार पत्र द ट्रिब्यून के अनुसार, मनोहर लाल बेअदबी के एक आरोपित के पिता थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2016 से 2022 के बीच डेरा के 7 अनुयायियों की हत्या हुई और इन सबमें कहीं ना कहीं इन्हीं कट्टरपंथियों की भूमिका थी।
निज्जर को भारत वापस लाने के लिए वर्ष 2016 में रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया था और कनाडा की सरकार से लगातार इस बात की अपील गई थी कि वह उसे भारत को सौंप दें। लेकिन कनाडा के सिख नेता जगमीत सिंह के दबाव और ट्रूडो की तुष्टिकरण की राजनीति ने ऐसा नहीं होने दिया। वर्ष 2022 में निज्जर पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 10 लाख का इनाम भी घोषित किया था।
निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा की पुलिस लगातार खाली हाथ है और खीझ में ट्रूडो सारे आरोप भारत पर मढ़ रहे हैं। भारत ने इसका पुरजोर विरोध किया है। भारत ने एक कनाडाई राजनयिक को भारत छोड़ने का आदेश भी दिया है।