Sunday, November 24, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'तुम्हारा भगवान झूठा है, धर्मांतरण कर लो': इजरायल में ईसाई मिशनरी से जुड़ी महिलाओं...

‘तुम्हारा भगवान झूठा है, धर्मांतरण कर लो’: इजरायल में ईसाई मिशनरी से जुड़ी महिलाओं को बच्चों ने दौड़ाया, ‘हेट क्राइम’ का रंग देने की कोशिश

इस बीच ट्विटर पर कुछ लोगों ने इस हमले को ईसाई धर्म के प्रति यहूदियों की नफरत का रंग देने की कोशिश की। अमेरिका के नैशविले की रहने वाली यूट्यूबर लॉरेन चेन ने बच्चों का धर्मांतरण कराने वाली दो महिलाओं का बचाव करते हुए कहा, "यह एक हेट क्राइम है।" उन्होंने ये स्वीकार किया कि महिलाएँ ईसाई मिशनरी हैं।

इजरायल के ओल्ड यरुशलम शहर से 13 सितंबर 2023 का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें यहूदी समुदाय के बच्चों का एक ग्रुप दो ईसाई महिलाओं से लड़ रहा है। ये महिलाएँ टूरिस्ट के रूप में इजरायल आई थीं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि स्कूली बच्चों का ग्रुप महिलाओं से लड़ रहा है और उन पर थूक भी रहा है। हालाँकि इन रिपोर्ट्स में ये नहीं बताया गया है कि ऐसा क्यों है।

मिडिल ईस्ट मॉनिटर के एक वीडियो में बताया गया है कि यरुशलम पहुँची दो ईसाई पर्यटकों पर इजरायली बच्चों और कुछ लोगों ने हमला किया। महिलाएँ उन लोगों को शांत करने की कोशिश की। वे बच्चे एवं किशोर उन्हें लात-घूँसे मार रहे थे और उन पर सामान भी फेंक रहे थे।

इसको लेकर रशिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों महिलाओं को बच्चों के एक ग्रुप ने सिर्फ इसलिए पीटा, क्योंकि दोनों महिलाएँ उनसे यीशु का गुणगान कर रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस बात कतो लेकर बवाल किया जा रहा था कि क्रिश्चियन होने के कारण इन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। हालाँकि सच सामने आ रहा है।

ये है वीडियो से जुड़ी सच्चाई

यरुशलम में दोनों महिलाओं पर बच्चों के हमले की खबर तो सच है, लेकिन इसके पीछे की वजह है और भी चौंकाने वाली है। मशहूर विश्लेषक और यहूदी कार्यकर्ता डेविड लैंग ने दुनिया को बताया है कि ये वीडियो एडिटेड है और घटना की पूरी जानकारी नहीं दे रही है।

उन्होंने अपने ब्लॉग इज़रायली कूल में लिखा है कि ये महिलाएँ ईसाई मिशनरी थीं और बच्चों का धर्मांतरण करने का प्रयास कर रही थीं। महिलाएँ चाहती थीं कि बच्चे ‘यीशु में विश्वास करें’, ताकि उनका धर्म परिवर्तन कराया जा सके। उन्होंने सिर्फ यहूदी ही नहीं, कई अन्य मुस्लिम बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की इन सब बातों से बच्चे तैश में आ गए और उन्होंने उनके साथ झड़प की। हालाँकि, ब्लॉगर ने बच्चों के हमले को सही नहीं ठहराया, फिर भी ये जरूर कहा है कि दोनों महिलाओं ने बच्चों से उनके धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उनके ‘विश्वास को झूठा’ करार दिया था।

डेविड कोलियर नाम के व्यक्ति ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि ये महिलाएँ सारा वालिस के ईसाई मिशनरी ग्रुप का हिस्सा हैं, जो धार्मिक स्थानों पर जाकर गैर-ईसाइयों, विशेष रूप से यहूदियों और मुस्लिमों को धर्मांतरित करने की कोशिश करती हैं। सारा वालिस अपने सोशल मीडिया पोस्ट में खुलेआम सभी धर्मों और उनके भगवानों को झूठा कहती हैं।

घटना को ‘यहूदी बच्चों के प्रति ईसाई विरोधी नफरत’ का रंग दिया गया

इस बीच ट्विटर पर कुछ लोगों ने इस हमले को ईसाई धर्म के प्रति यहूदियों की नफरत का रंग देने की कोशिश की। अमेरिका के नैशविले की रहने वाली यूट्यूबर लॉरेन चेन ने बच्चों का धर्मांतरण कराने वाली दो महिलाओं का बचाव करते हुए कहा, “यह एक हेट क्राइम है।” उन्होंने ये स्वीकार किया कि महिलाएँ ईसाई मिशनरी हैं।

ट्वीट का स्क्रीनशॉट

लॉरेन चेन ने ये भी लिखा कि गैर-ईसाइयों को केवल ईसाई धर्म स्वीकार करना चाहिए और उन्हें अपने संबंधित आस्था एवं विश्वासों को त्यागना कर ‘यीशु’ का स्वागत करना चाहिए।

ट्वीट का स्क्रीनशॉट

अगले ट्वीट में लॉरेन ने कहा, “ऐसी जगहें जहाँ लोग यीशु को नहीं मानते, ऐसी जगहें यीशु के बारे में बात करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं।” उन्होंने यहूदी आस्था को ‘झूठा’ भी कहा और सुझाव दिया कि उन्हें ईसाई धर्म अपना लेना चाहिए।

लॉरेन के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

इस मुद्दे पर लॉरेन के पोस्ट की लोगों ने तीखी आलोचना की है।

लॉरेन का लोगों ने विरोध भी किया।

डेविड कोहेन ने उठाया ईसाइयों द्वारा हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन का मुद्दा

इस विवाद में निर्देशक और निर्माता डेविड कोहेन भी कूद पड़े। उन्होंने लॉरेन के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि ईसाई भारत में रहने वाले हिंदुओं तक का धर्मांतरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यदि यहूदियों, हिंदुओं आदि को यह बताना कि उनका विश्वास झूठा है और उन्हें धर्म परिवर्तन करना चाहिए, ये प्यार दिखाने का आपका तरीका है तो अपने प्यार को छोड़ दें और इसकी जगह हमारे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना सीखें। हमें आप जैसे धर्म परिवर्तन करने वालों से बचने की जरूरत है।”

मूल रूप से यह रिपोर्ट अंग्रेजी में सिद्धि सोमानी द्वारा लिखी गई है। इसे पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Siddhi Somani
Siddhi Somani
Siddhi is known for her satirical and factual hand in Social and Political writing. After completing her PG-Masters in Journalism, she did a PG course in Politics. The author meanwhile is also exploring her hand in analytics and statistics. (Twitter- @sidis28)

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भारत ने 1 दिन में गिने 64 करोड़ वोट, डोनाल्ड ट्रंप जीत गए पर 18 दिन में भी 1.5 करोड़ वोट गिन नहीं पाया...

मस्क ने हैरानी जताई और कहा कि भारत में 64 करोड़ मतों की गिनती एक दिन में, और यहाँ कैलिफोर्निया में 1.5 करोड़ वोटों की गिनती 18 दिन में भी पूरी नहीं हो पाई।

जामा मस्जिद का सर्वे करने आई टीम, घेराबंदी कर मुस्लिम भीड़ ने की पत्थरबाजी: लाठी-आँसू गैस के गोलों से पुलिस ने संभल में हालात...

रविवार को संभल की जामा मस्जिद का दोबारा से सर्वे हुआ। जैसे ही सर्वे करने के लिए टीम पहुँची इस्लामी कट्टरपंथियों ने घेराबंदी कर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
- विज्ञापन -