मलेशिया ने ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ बड़ी कार्रवाई की है। ज़ाकिर नाइक पर मलेशिया में कहीं भी सार्वजनिक रूप से बोलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। अब वह मलेशिया के किसी भी राज्य में सार्वजनिक सभाओं में नहीं बोल पाएगा और न ही किसी भी जमावड़े को सम्बोधित कर सकेगा। मलेशिया की रॉयल पुलिस ने सभी राज्य स्तरीय उच्चाधिकारियों को इस सम्बन्ध में सूचित कर दिया है। मलेशिया की पुलिस ने कहा कि यह निर्णय ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के हित में और ‘सामाजिक सद्भावना’ बनाए रखने के लिए लिया गया है।
ज़ाकिर नाइक ने हाल ही में हिन्दुओं के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान दिया था। मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने भी स्वीकार किया था कि ज़ाकिर का रेसियल बयान बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। प्रधानमंत्री महाथिर ने साफ़-साफ़ कहा था कि ज़ाकिर नाइक ने सीमा लांघी है। ज़ाकिर नाइक की भारतीय एजेंसियों को भी तलाश है। मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर हेट स्पीच तक के मामले उसके ख़िलाफ़ चल रहे हैं। मलेशिया में अपने ख़िलाफ़ कार्रवाई से बौखलाए ज़ाकिर ने वहाँ के कई नेताओं को ही कोर्ट में घसीट लिया।
Zakir Naik barred from speaking in public throughout the country, says Bukit Amanhttps://t.co/5xYvelcVvB https://t.co/5xYvelcVvB
— The Star (@staronline) August 20, 2019
अब ज़ाकिर नाइक ने अपने बयान को लेकर माफ़ी माँगते हुए कहा है कि वह रेसिस्ट नहीं है और उसके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उसने कहा कि किसी भी व्यक्ति या समुदाय की भावना को चोट पहुँचाना इस्लाम के ख़िलाफ़ है और अगर कोई गलतफहमी हुई है तो वह माफ़ी माँगता है। उसने डर जताया कि ऐसे विवादों के कारण लोगों का इस्लाम से भरोसा उठ जाएगा। ज़ाकिर नाइक ने कहा था कि मलेशिया के हिन्दू यहाँ के पीएम महाथिर की तुलना में नरेंद्र मोदी के प्रति ज्यादा वफादार हैं।
इसके अलावा ज़ाकिर नाइक ने चीनियों को भी ‘पुराना मेहमान’ बताते हुए मलेशिया से चले जाने को कहा था। पेनांग के उपमुख्यमंत्री रामासामी ने कहा कि मलेशिया को ज़ाकिर नाइक का असली रंग समझने में समय लग गया। ज़ाकिर ने उनके ख़िलाफ़ भी कोर्ट में मामला दर्ज कराया है। नाइक को भगोड़ा बताते हुए रामासामी ने कहा कि चीनी और भारतीय कई पीढ़ियों से मलेशिया में रह रहे हैं और आज तक किसी रेसिस्ट व्यक्ति ने भी उन पर सवाल नहीं उठाए। उन्होंने ज़ाकिर नाइक को मलेशिया से बाहर भेजने की माँग की।
मलेशिया के पूर्व पुलिस प्रमुख रहीम नूर ने सरकार से माँग की थी कि ज़ाकिर नाइक का ‘परमानेंट रेजिडेंट’ समाप्त कर उसे भारत को सौंप दिया जाए, क्योंकि उसने आपराधिक कार्य किया है। ज़ाकिर नाइक ने अपने विवादित बयान में कहा था कि मलेशिया में रहने वाले हिन्दुओं को भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों से सौ गुना ज्यादा अधिकार मिलते हैं।