जदयू के कद्दावर नेता केसी त्यागी ने कहा है कि राजद सुप्रीमो लालू यादव को कन्हैया कुमार की लोकप्रियता चुभती है। त्यागी ने कहा कि लालू यादव ने कन्हैया कुमार को इसीलिए टिकट नहीं दिया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि कन्हैया के उभार से उनके बेटों की राह में कोई रुकावट आए। बेगूसराय का चुनावी गणित समझाते हुए अनुभवी नेता ने कहा कि मुख्य मुक़ाबला तो राजद और भाजपा के बीच है लेकिन अगर कन्हैया महागठबंधन प्रत्याशी होते तो ये मुक़ाबला काँटे का होता। राज्यसभा सांसद त्यागी ने आगे कहा कि चूँकि परिवारवाद से ग्रसित लालू अपने बेटों को राजनीति में स्थापित करने में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे, इसीलिए कन्हैया को टिकट देना उन्हें गँवारा न था। त्यागी ने तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार की तुलना करते हुए कहा कि कन्हैया की कृति और ख्याति तेजस्वी से कहीं ज्यादा है।
केसी त्यागी ने कन्हैया कुमार के तारीफ़ों के पुल बाँधते हुए कहा;
“कन्हैया ने जो भी हासिल किया है वह अपने बलबूते पर हासिल किया है। वह अपनी कर्मठता से दुनिया की प्रख्यात यूनिवर्सिटी जेएनयू के छात्र अध्यक्ष बने जबकि तेजस्वी यादव अपने पिता की बदौलत नेता प्रतिपक्ष बने। तेजस्वी को डर था कि आने वाली राजनीति में कन्हैया उनको पछाड़ न दे, इसी डर की वजह से वामदल से गठबन्धन नहीं हो पाया। ऐसे तो 25-30 साल से सीपीआई और राजद में गठबन्धन रहा था, लेकिन अब ऐसा हुआ तो इसके पीछे यही कारण है। तेजस्वी यादव अपरिपक्व राजनीतिज्ञ हैं और वह अपने पिता लालू प्रसाद की कृति और ख्याति के बलबूते राजनीति कर रहे हैं। जबकि, कन्हैया अपने करिश्मे से चुनाव को रोचक बना दिया है। इस समय बेगूसराय में त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है।“
केसी त्यागी ने पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर की गई टिप्प्णियों के सदर्भ में कहा कि नीतीश जी किसी पर भी अभद्र टिप्पणी नहीं किया करते हैं। केसी त्यागी फिलहाल जदयू के महासचिव हैं और राज्यसभा सांसद हैं। जदयू के वरिष्ठ नेताओं में से एक त्यागी को 2013 में पार्टी द्वारा राज्यसभा सांसद बनाया गया था। वे न्यूज़ चैनलों पर भी पार्टी की बात रखते नज़र आते हैं। बेगूसराय की बात करते हुए त्यागी ने उसे एक परिपक्व क्षेत्र बताया और कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जो साम्यवाद और समाजवाद के आन्दोलनों के लिए जाना जाता है। उन्होंने ‘विचारधारा में अंतर’ के बावजूद कन्हैया कुमार से सहानुभूति जताई।
RJD supremo Lalu Prasad is said to have initially been in favor of supporting Kanhaiya Kumar but decided otherwise at the instance of his younger son and political heir Tejashwi Yadav. https://t.co/4FesCp4PWd
— News18 Elections (@News18Politics) April 29, 2019
इसके अलावा केसी त्यागी ने लालू यादव पर वामदलों के साथ धोखा करने का आरोप भी मढ़ा। उन्होंने कहा कि वामदल हमेशा लालू के लिए खड़े रहे लेकिन कन्हैया को टिकट न देकर लालू ने वामदलों को धोखा दिया। बता दें कि राजद सुप्रीमो अभी राँची कारावास में चारा घोटाला के मामले में अपनी सज़ा काट रहे हैं लेकिन टिकट वितरण सम्बन्धी सभी चुनावी निर्णय उन्होंने जेल से ही लिया है। लालू यादव पर नीतीश कुमार ने जेल में फोन का उपयोग कर बिहार चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनके सेल में गहन तलाशी ली गई थी। विपक्ष के कई नेताओं ने पिछले कुछ महीनों में लालू से जेल में ही जाकर मुलाक़ात की है।