राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (अक्टूबर 06, 2020) को केरल में गोल्ड तस्करी मामले की जाँच कर रही कोच्चि की एक विशेष अदालत को सूचित किया कि इस मामले में दो प्रमुख आरोपित फैसल फरीद (Faisal Fareed) और रब्बिन्स हमीद (Rabbins Hameed) दुबई पुलिस की हिरासत में हैं, जबकि चार अन्य के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किए गए हैं।
कुछ आरोपितों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए, एनआईए ने कहा कि मामला एक महत्वपूर्ण चरण में है और इस समय उनकी जमानत चल रही जाँच को प्रभावित करेगी। गौरतलब है कि अदालत ने सोमवार को एजेंसी की आलोचना की थी और आरोपितों के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों के लिए सबूत माँगे थे। मामले के सभी 30 आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।
उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका है जब UAPA को तस्करी के मामले में लागू किया गया। कुछ आरोपितों ने तर्क दिया कि यह केवल एक आर्थिक अपराध था और उन पर यूएपीए लागू नहीं किया जा सकता। एनआईए के जवाब की जाँच के बाद अदालत बुधवार (अक्टूबर 07, 2020) को फिर से उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
फैसल फरीद, जिसने कथित तौर पर ‘राजनयिक सामान’ के रूप में संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास में खेप में 30 किलोग्राम सोना भेजा था, एनआईए द्वारा दर्ज मामले में तीसरा आरोपित था।
दो महीने पहले, एनआईए की एक टीम ने यूएई का दौरा किया था और कथित तौर पर जेल में उनसे पूछताछ की थी। इसमें पाया गया था कि रब्बिन्स हमीद ने तस्करी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उससे देश के बड़े हिस्से में देश-विरोधी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराया जाता है। दुबई में गिरफ्तार दोनों हवाला लेनदेन में भी सक्रिय थे।
सीपीआई (M) के राज्य सचिव के बेटे से भी पूछताछ
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ड्रग जब्ती मामले के संबंध में अपने बेंगलुरु कार्यालय में सीपीआई (M) के राज्य सचिव कोडिएरी बालाकृष्णन के बेटे बिनेश कोडियरी को छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। जाँच दल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी तक क्लीन चिट नहीं दी गई है और उनके बयानों की जाँच के बाद फिर से तलब किया जाएगा।
कोडियारी के लिए तभी से मुश्किलें शुरू हुईं जब बेंगलुरू ड्रग रैकेट के आरोपित अनूप मोहम्मद ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पास उनके नाम का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बालकृष्णन के दूसरे बेटे बिनेश कोडियरी ने उनके ‘व्यावसायिक कारोबार’ में उनकी बहुत मदद की थी।
इसके बाद, सीपीआई (M) के राज्य सचिव के बेटे कोडियारी नाम भी अनूप मोहम्मद की कॉल सूची में सामने आया था। ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि एक साल में मोहम्मद के खाते में 30 लाख रुपए आए, जो उन्होंने कथित
तौर पर ड्रग्स खरीद के लिए इस्तेमाल किए थे। जाँच के दौरान, एजेंसियों ने यह भी पाया कि तस्करी और ड्रग जब्ती के मामले जुड़े हुए थे।