जैसे भारत में संसद के उच्च सदन को राज्यसभा और निचले सदन को लोकसभा कहते हैं, उसी तरह अमेरिका में उच्च सदन को सीनेट और निचले सदन को प्रतिनिधि सभा या हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव कहते हैं। इल्हान उमर (Ilhan Omar) अमेरिकी संसद के निचले सदन की सदस्य हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी से नाता रखती हैं।
अफ्रीकी मूल की यह अमेरिकी महिला सांसद अक्सर भारत विरोध को लेकर चर्चा में रहती हैं। उनके बयानों में भारत के प्रति घृणा और पाकिस्तानपरस्ती साफ दिखती है। हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) का दौरा किया। आंतकियों को संरक्षण देने वाले हमारे पड़ोसी मुल्क ने भी उनका जोरदार स्वागत किया। हालाँकि, भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करने वाली अमेरिकी सांसद के इस दौरे का ना केवल भारत, बल्कि अमेरिका ने भी विरोध किया। भारत ने उनकी इस यात्रा को निंदनीय बताया, जबकि अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने उनके पीओके दौरे को व्यक्तिगत गतिविधि बताकर खुद को उनसे अलग कर लिया।
पाकिस्तान परस्त इल्हान उमर
इल्हान उमर की पैदाइश सोमालिया की है। कट्टरपंथी इस्लामी विचार रखती हैं। हालिया पाकिस्तान दौरे में इमरान खान से मिलीं। उनकी जमकर तरीफ की। इमरान ने भी उमर की ‘इस्लामोफोबिया के मुद्दों पर साहसी और सैद्धांतिक रुख’ की सराहना की। उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद चौधरी और पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से भी मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चर्चा की। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उमर को एजेंडावादी बताते हुई जबर्दस्त फटकार लगाई थी। उन्हें संकीर्ण सोच वाली नेता बताते हुए कहा कि भारत क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा।
मुस्लिम देशों में सेलिब्रिटी हैं इल्हान उमर
इल्हान उमर को मुस्लिम देशों में सेलिब्रिटी का दर्जा हासिल है। उमर पर इस्लामी एजेंडा इस कदर हावी है कि वह अमेरिका के राष्ट्रीय हितों की भी परवाह नहीं करती हैं। दुनियाभर में कट्टरपंथी इस्लाम को आगे बढ़ाना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है। मुस्लिम देशों से उनकी मोहब्बत और भारत के प्रति उनकी घृणा किसी से भी छिपी नहीं है। कश्मीर, भारतीय मुस्लिमों, बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर इल्हान उमर कई विवादित बयान दे चुकी हैं। खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी नफरत सोशल मीडिया पर जगजाहिर है। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी संसद में यहाँ तक कह दिया था कि आखिर मोदी सरकार मुस्लिमों के खिलाफ और कितने जुल्म करेगी जिसके बाद बाइडन प्रशासन कुछ कहेगा?
Why has the Biden Administration been so reluctant to criticize Modi’s government on human rights?
— Rep. Ilhan Omar (@Ilhan) April 6, 2022
What does Modi need to do to India’s Muslim population before we will stop considering them a partner in peace?
These are the questions the Administration needs to answer. pic.twitter.com/kwO2rSh1BL
इल्हान उमर के बारे में बताया जाता है कि वो पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं, जो चुनाव जीतकर अमेरिकी संसद में पहुँची हैं। उमर 2019 में मिनिसोटा से सांसद चुनी गई थीं। इस संसदीय सीट से चुनाव जीतने वाली वह पहली अश्वेत महिला हैं। साथ ही, अमेरिकी संसद पहुँचने वाली पहली दो मुस्लिम-अमेरिकी महिलाओं में भी शामिल हैं। उमर के परिवार ने गृहयुद्ध के कारण सोमालिया छोड़ दिया था, उस वक्त उमर महज आठ वर्ष की थीं। उनके परिवार ने केन्या के शरणार्थी शिविर में चार साल बिताए और फिर 1990 के दशक में अमेरिका आए। दादा ने उमर को उनकी किशोरावस्था में ही राजनीति में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। वह 2016 में चुनाव जीतकर मिनिसोटा की प्रतिनिधि सभा पहुँची और तीन साल बाद 2019 में वो अमेरिकी संसद के लिए चुनी गईं।
गैर मुसलमानों के प्रति नफरत
सोमालिया में ही पैदा हुईं मानवाधिकार कार्यकर्ता अयान हिरसी अली (Ayaan Hirsi Ali) ने 12 जुलाई 2019 को वॉल स्ट्रीट जर्नल में Can Ilhan Omar Overcome Her Prejudice? शीर्षक से लिखे लेख में कहा था, “किसी के मन में किसी के प्रति प्रति नफरत घर कर जाए तो उससे उबरना मुश्किल होता है। इल्हान उमर के साथ भी यही बात लागू है।” अयान के मुताबिक, इल्हान उमर उन मुस्लिमों में शामिल हैं, जो दुनिया में जो भी गलत हो रहा है, उसके लिए एकमात्र दोषी यहूदियों को मानती हैं। उनमें गैर-मुसलमानों के प्रति भी नफरत कूट-कूटकर भरी है, क्योंकि उन्हें बचपन से यही सिखाया गया है। वहीं, भारत में काफी चर्चित पाकिस्तानी मूल के लेखक और पत्रकार तारेक फतेह भी इल्हान उमर को भारत विरोधी कट्टर इस्लामवादी करार दे चुके हैं।
Anti-India U.S. Congresswoman #Ilhan Omar visiting Pakistan. @IlhanMN is better known for her #Islamophobia victimhood claim and the promoting of Hijab in America.
— Tarek Fatah (@TarekFatah) April 21, 2022
https://t.co/KxtAt7lMcz
इल्हान उमर के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह बातें स्वतंत्रता-समानता की करती हैं, लेकिन कट्टर इस्लाम के प्रति उनका झुकाव साफ-साफ झलकता है। वे बुर्का, हिजाब की जबर्दस्त पैरोकार हैं। उन्होंने ही अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में वैश्विक स्तर पर इस्लामोफोबिया से लड़ने के लिए विशेष प्रतिनिधि का पद सृजित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन की मंजूरी भी मिल गई। लेकिन, उनके इस कदम की रिपब्लिकन पार्टी के टिकट पर अमेरिकी कॉन्ग्रेस का चुनाव लड़ चुकीं एक और मुस्लिम नेता डालिया अल-अकिदी (Dalia Al-Aqidi) ने जबर्दस्त विरोध किया था। उन्होंने अरब न्यूज में एक लेख लिखकर पूछा है कि क्या इस्लाम के नाम पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने वालों को मुस्लिम आतंकी कहना भी इस्लामोफोबिया के दायरे में आएगा?
सगे भाई ही इल्हान उमर के शौहर
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चुनावी रैली में इल्हान उमर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था, “इल्हान उमर को अमेरिका, यहाँ के शासन-प्रशासन और यहाँ के लोगों से नफरत है। वह हमारे देश से घृणा करती हैं। वह ऐसी जगह से आई हैं जहाँ सरकार है ही नहीं और यहाँ आकर हमें ही ज्ञान दे रही हैं कि अपना देश कैसे चलाना चाहिए?” यही नहीं ट्रंप ने कई बार कहा था कि इल्हान के दूसरा पति अहमद इल्मी और कोई नहीं उनका सगा भाई ही है। ट्रंप ने 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक प्रचार अभियान में जस्टिस डिपार्टमेंट से इसकी जाँच करने की माँग भी की थी। इसकी पुष्टि तब हुई जब ट्रंप की पार्टी के एक रणनीतिकार ने पिछले वर्ष अगस्त में डीएनए टेस्ट रिपोर्ट वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी। डीएनए के कई टेस्ट में उमर इल्हान और अहमद इल्मी के सगे बहन-भाई होने का सौ फीसदी मिलान हुआ था। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमाली समुदाय के नेता ने भी खुलासा किया था कि इल्हान उमर ने अपने भाई से निकाह किया है।