पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने दुर्गा पूजा को लेकर नया फरमान जारी किया है। इस संबंध में राज्य सचिवालय नवान्न की तरफ से गुरुवार (जुलाई 5, 2019) को राज्यभर के सभी थानों के लिए एक निर्देश जारी किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्यभर में कहीं भी दुर्गा पूजा के आयोजन सड़क पर नहीं होने चाहिए, ताकि यातायात बाधित न हो। इस निर्देश में कहा गया है कि सड़क के पास यदि दुर्गा पूजा होती है तो उसका पंडाल सड़क को घेरकर नहीं बनना चाहिए।
केवल दुर्गा पूजा ही क्यों? ये तो साल में एक बार आता है।अगर रोक लगाना है तो रोड पर होने वाले सारे धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगाओ चाहे पूजा हो या नमाज़। https://t.co/PlKN1jlpLv
— Vivek Kumar Srivastava (@aman_vivek) July 5, 2019
निर्देश में साफ तौर पर यह कहा गया है कि यदि कहीं पूजा पंडाल के कारण सड़क जाम की स्थिति या लोगों के परेशानी होनी की संभावना भी दिखती है तो ऐसी स्थिति में उक्त जगह पंडाल निर्माण की अनुमति नहीं होगी और ना ही उसे पूजा की अनुमति दी जाएगी। न केवल थानों में बल्कि राज्यभर के सभी पंजीकृत पूजा कमेटियों को भी इस निर्देश की प्रति भेजी गई है।
पिछले कई वर्षों से राज्यभर से ऐसी शिकायतें मिलती थीं कि सड़कों का अधिकतर हिस्सा घेरकर दुर्गा पूजा के आयोजन होते हैं। इसकी वजह से लोगों को यातायात में परेशानी होती है। कई उपनगरीय क्षेत्रों में तो पूरी यातायात व्यवस्था दुर्गा पूजा के पंडाल की वजह से चरमरा जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्देश जारी किया है।
गौरतलब है कि, दुर्गा पूजा में अब महज कुछ महीने ही बाकी हैं और कई पूजा कमेटियों ने महीनों पहले से पंडाल की तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं। राज्य के अन्य हिस्सों के साथ-साथ महानगर कोलकाता में कई बड़े पूजा पंडाल सड़क के बीचों-बीच बनते हैं। दशहरा की पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन वे सारी सड़कें पुलिस की ओर से बंद कर दी जाती है, जहाँ पंडाल बनाए जाते हैं। वहाँ से गुजरने वाली गाड़ियों को दूसरे रूट से मोड़ दिया जाता है। सैकड़ों सालों से उसी जगह पर पूजा होती आई है। ऐसे में राज्य सरकार के इस नए फरमान ने पूजा आयोजकों को परेशानी में डाल दिया है। कई लोगों ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई है।