कार्यक्रम की शुरुआत भारत की रक्षा मंत्री ने किया। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा:
- ‘जब आप घर जाएँ तो उन्हें हमारे बारे में बताएँ, बताएँ कि उनके कल के लिए हमने अपना आज सर्मपित कर दिया है।’ हमारे देश के बहादुर सैनिकों के अंतिम शब्द हमें हमेशा याद रहते हैं, यह स्मारक भी आज उनकी याद में देश को सर्मपित किया जा रहा है।
- आज देश को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक समर्पित किया जाएगा, इस स्मारक का हमने काफी लंबे समय तक इंतजार किया है।
- यह युद्ध स्मारक हमारे बहादुर सैनिकों के शौर्य और बलिदान का प्रतीक है, आज हम कह सकते हैं कि हमने देश के लिए एक और तीर्थ स्थल का निर्माण किया है और मैं उम्मीद करती हूँ कि देश का हर नागरिक यहाँ जरूर आएगा।
- हमने हमारे पूर्व सैनिकों की कई माँगों और जरूरतों को पूरा किया है और आने वाले समय में और भी माँगों को पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
इसके बाद रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंच पर आमंत्रित किया। पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें :
- देश पर संकट चाहे दुश्मन के कारण आया हो या प्रकृति के कारण, हमारे सैनिकों ने सबसे पहले हर मुश्किल को अपने सीने पर लिया है।
- हमारे देश की सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में से एक है।
Addressing ex-servicemen before the dedication of #NationalWarMemorial to the nation. https://t.co/CX4vWogbTl
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2019
- आज मुझे बहुत संतोष है कि थोड़ी देर बाद आपका और देश का, दशकों लंबा इतंज़ार खत्म होने वाला है। आज़ादी के सात दशक बाद मां भारती के लिए बलिदान देने वालों की याद में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक, उन्हें समर्पित किया जाने वाला है।
- इस ऐतिहासिक स्थान पर मैं, पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों, भारत की रक्षा में सर्वस्व न्योछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं। मैं राष्ट्र रक्षा के सभी मोर्चों पर, मुश्किल परिस्थितियों में डटे हर वीर-वीरांगना को भी नमन करता हूँ।
- कई दशकों से निरंतर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मांग हो रही थी, कुछ प्रयास हुए लेकिन कोई ठोस कार्य नहीं हुआ, आपके आर्शीवाद से हमने 2014 में इस स्मारक का कार्य शुरू किया और इस कार्य को तय समय पर पूरा किया।
- वन रैंक वन पेंशन के लिए पिछली सरकारों में पूर्व सैनिकों को कितना संघर्ष करना पड़ा, आंदोलन करना पड़ा, इसका देश साक्षी रहा है।
आज देश का हर फौजी, हर नागरिक ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर शहीदों के साथ ये बर्ताव क्यों किया गया?
— PMO India (@PMOIndia) February 25, 2019
देश के लिए खुद को समर्पित करने वाले महानायकों के साथ इस तरह का अन्याय क्यों किया गया?
वो कौन सी वजहें थीं, जिसकी वजह से किसी का ध्यान शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया?: PM
- हमारे प्रयासों में दुनिया के बड़े-बड़े देश हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। यही कारण है कि 2016 में हमारे International Fleet Review में 50 देशों की नौ-सेनाओं ने हिस्सा लिया था। यही कारण है कि एक के बाद एक देश हमारे साथ रक्षा सहयोग के समझौते करना चाहते हैं।
- बहुत लंबे समय से आपकी माँग थी कि आपके लिए सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल बनाया जाए। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे आपको ये बताने का सौभाग्य मिला है कि एक नहीं बल्कि हम ऐसे 3 सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल बनाने जा रहे हैं।
- पहले वाली सरकार का रवैया सैनिकों को लेकर जो रहा वो मुझे ज्यादा बेहतर तरीके से आप जानते हैं। उन्होंने सैनिकों के जीवन और सुरक्षा को कभी गंभीरता से नहीं लिया।
- PM मोदी ने पूर्व सैनिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार जवानों को बुलेट प्रूफ़ जैकेट देने का कार्य पूरा किया।
- देश की सेना का मनोबल, देश की सुरक्षा तय करता है, इसलिए हमारे सभी प्रयासों में हमारी सोच और हमारे अप्रोच का केंद्रबिंदु हमारे सैनिक, हमारे फौजी भाई हैं।
मेरा ये स्पष्ट मानना है कि मोदी महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस देश की सभ्यता, संस्कृति और इतिहास सबसे ऊपर है।
— PMO India (@PMOIndia) February 25, 2019
मोदी याद रहे न रहे, परंतु इस देश के करोड़ों लोगों के त्याग, तपस्या, समर्पण, वीरता और उनकी शौर्यगाथा अजर-अमर रहनी ही चाहिए: PM
प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुँच कर वीरगति को प्राप्त हुए 25942 रक्षाबलों को याद किया। एक-एक पुरोहित, मौलवी, सिख, पादरी और बौद्ध भिक्षु ने देश के लिए बलिदान हुए सभी जवानों के नाम पर श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को देश के नाम किया। रिट्रिट बिगुल बजते ही यह कार्यक्रम समाप्त हुआ। इसके बाद मोदी ने वहाँ आए सभी गणमान्य लोगों का अभिवादन किया।