पिछले साल मणिपुर में कई महीनों तक हिंसा और आपसी संघर्ष का माहौल रहा। अब पुलिस ने वहाँ एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी आधार और वोटर आईडी कार्ड बना कर विदेशी घुसपैठियों को बसा रहा है। एक विशेष पुलिस टीम इन्हें ट्रैक कर रही थी, और हाल ही में कई आरोपित गिरफ्तार हुए हैं। पुलिस ने चुराचांदपुर से म्यांमार के 2 अवैध घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 2 फर्जी आईडी कार्ड मिले। पुलिस ऐसे कई मामलों की जाँच कर रही है।
ये अपराधी घुसपैठियों को बताते हैं कि उन्हें दस्तावेज में अपने पते के रूप में किस जगह का नाम लिखना है। दक्षिणी मणिपुर सरकार द्वारा कफ्रजी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का केंद्र है। राज्य सरकार कह चुकी है कि ये सिर्फ मणिपुर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए खतरा हैं। म्यांमार में तानाशाही जुंटा सेना और लोकतंत्र समर्थकों के बीच हिंसा चल रही है। उसमें से कई भाग कर भारत पहुँच रहे हैं। मणिपुर में इनका बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड किए जाते हैं।
जी बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड कराने से बच जाते हैं, वो फर्जी आधार और वोटर आईडी बनाने वाले गिरोह से संपर्क करते हैं। सीमा पर स्थित जिलों जिरबाम और मोरेह जिलों से 2018 में 2 ऐसे गिरोह पकड़ाए थे। 10 गिरफ्तार आरोपितों में से 9 म्यांमार के मुस्लिम घुसपैठिए थे। वहीं तमिलनाडु की परिथा बेगम नामक एक महिला भी गिरफ्तार हुई थी। मोरेह में मोहम्मद तोम्बा के घर पर छापेमारी कर पुलिस ने 2 लैपटॉप, 4 आधार कार्ड, एक प्रिंटर मशीन, एक लैमिनेटिंग फिल्म मशीन, प्लास्टिक शीट्स, कई DVD और फोटो पेपर जब्त किया था।
मई 2018 में तो सिर्फ राजधानी इम्फाल में ही 98 घुसपैठियों को चिह्नित किया गया था। इसी तरह अक्टूबर 2021 में मणिपुर के टेंगनौपल में म्यांमार के 24 घुसपैठिए फर्जी दस्तावेजों के साथ धराए थे। इससे एक सप्ताह पहले इम्फाल एयरपोर्ट से फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर के दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे। इसी तरह 2023 में 22-23 जुलाई को मात्र 2 दिनों में 700 से भी अधिक घुसपैठिए मणिपुर में घुस गए थे। फर्जी दस्तावेज वाले गिरोह से न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को भी खतरा है।
2023 में कक्चिंग में कुकी ईसाइयों के ध्वस्त हुए घरों में से 1000 से भी अधिक फर्जी आईकार्ड जब्त किए गए थे। UIDAI ने आधार कार्ड्स की वेरिफिकेशन की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। चुनाव आयोग से लेकर पुलिस तक सब मिल कर इस समस्या से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। मणिपुर के 8 गाँवों में शेल्टर होम में रह रहे घुसपैठियों की संख्या उन गाँवों की जनसंख्या से भी ज़्यादा है। 2021 से ही म्यांमार से चीन-कुकी समुदाय के लोग पलायन कर मणिपुर में आ रहे हैं।
Now since #Manipur issue is moving fast towards its logical conclusion, with BSF & CRPF moving in, I would like to draw HM .@AmitShah Ji's & CM .@NBirenSingh Ji's attention to following.
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) June 25, 2024
1. Kuki Mi£itants (part of Drug Trade) are distributing Fake Aadhaar Cards to illegal… pic.twitter.com/lPiI4F8cHF
इससे वहाँ की डेमोग्राफी बदल रही है, खुद संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसकी चर्चा कर चुके हैं। कुकी-जो समुदाय अपने लिए अलग केंद्र शासित प्रदेश माँग रहा है। ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF)’ ने अमित शाह से मिल कर ये माँग रखी थी। Zo लोगों को ज़ोमी या चीन-कुकी-मिजो भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर म्यांमार के चीन पहाड़ी से आए हैं। कई अपराधों में ये शामिल रहे हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कह चुकी हैं कि अमेरिका इन ईसाइयों के लिए अलग मुल्क बनाने की साजिश रच रहा है।